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________________ कराव करावे - नपुंसकलिंग - कार - कारे - कराव - करावे - करावन्ती करावेन्ती सर्वपुरुष सर्ववचन कारन्तं कारन्तं करावन्तं करावेन्तं - इत्यादि कर्तरि के समान जानना कार कारेज्ज कारेज्जा कारे - कारेज्ज - कारेज्जा कराव करावेज्ज करावेज्जा करावे - करावेज्ज करावेज्जा - - - - वर्तमानकाल [ स्वरान्त ] धातु. हो, होए, होआव होआवे, होअवि अंग के रूप - प्रथम पु. एकवचन होअमि, होआमि, होएमि, होएमि होएज्जमि, होएज्जामि, होआवेज्जमि, होआवेज्जामि हो अविज्जामि, होअविज्जामि होएज्ज-ज्जा, होआवेज्ज-ज्जा, होअविज्ज-ज्जा - होआवमि, होआवामि, होआवेमि, होआवेमि होअविमि ज्ज - ज्जासहित सर्वपुरुष होअसी - ही - हीअ होएसी - ही - हीअ सर्ववचन होआवसी ही हीअ भूतकाल करावन्तीओ करावेन्तीओ कारन्ताइं कान्ताइं करावन्ताइं करावेन्ताई - होआवेसी ही हीअ हो अविसी ही हीअ १७६ -
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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