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________________ पास् दीस सर्वपुरुष । होज्ज-ज्जा सर्ववचन ) हुज्ज-ज्जा कर्मणि और भावे में ही उपयोगी धातुओं के आदेश क्र.सं. प्राकृत कर्तरि प्राकृत कर्मणि | संस्कृत धातु अर्थ दृश् देखना 2. वय वुच्च वच् बोलना 3. चिण् चिव, चिम्म इकट्ठा करना 4. जिण जिव्व जीतना सुव्व सुनना होम करना थुव्व स्तुति करना लुव्व काटना पुव्व पवित्र करना चि हुव्व o ooo - FNo + 啊啊啊啊啊啊現低 4M Gold at धुव्व हिलाना, M हम्म खम्म दुब्भ लिब्भ वुब्भ रुभ डज्झ बज्झ संरुज्झ | अणुरुज्झ 16. रुंध् 17. डह बंध 19. सं + रुंध 20. अणु + रुंध रुध् 18 कम्पन कराना नाश करना खोदना दोहना लिह चाटना वहन करना रोकना दह् जलना, जलाना बन्ध बाँधना सं + रुध् रोकना अनु + रुध् | आज्ञा मानना, अनुसरण करना, आधीन होना उप + रुध् रोकना गम् . जाना हस् हँसना १३४ 21. उव + रुंध् | उवरुज्झ 22. गम् गम्म 23. हस् हस्स
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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