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________________ सयसहस्स (शतसहस्र) = लाख, सौ | सीस (शीर्ष) = मस्तक बार हजार (स्त्रीलिंग) जत्ता (यात्रा) = यात्रा, तीर्थयात्रा पिवासा (पिपासा) = तृषा, प्यास जाया (जाया) = स्त्री माआ तत्तवत्ता (तत्त्ववार्ता) = तत्त्वोंकी बात माअरा (मातृ) = माता, माँ तिसला (त्रिशला) = प्रभु महावीर की | माउ माता माइ दुहिआ) (दुहित) = पुत्री, लड़की | माउसिआ (मातृष्वस) = मासी धुआ ) माउच्छा धीआ ) विवत्ति (विपत्ति) = दुःख . देवाणंदा (देवानंदा) विशेषनाम, ससा) (स्वसृ) = बहन महावीर प्रभु की माता का नाम, देवानंदा सुसा । नणंदा (ननान्दृ) ननन्द, ननद सेत्तुजी। (शत्रुअयी) = शत्रुजी, एक पडिवया । (प्रतिपत्) एकम तिथि, | सेत्तुंजी) नदी का नाम पाडिवया पड़वा सोहा (शोभा) = शोभा, दीप्ति पिउसिया । (पितृष्वसृ) बूआ, फूफी पिउच्छा । विशेषण ब्रह्मा एरिस (ईदृश) = ऐसा, ऐसी रीति का | धायार। (धातृ) = धारण करनेवाला, कतार । (कर्तृ) = कर्ता, करनेवाला धाउ विधाता, पालन करनेवाला, कतु । णायार । (ज्ञातृ) = ज्ञाता , जाननेवाला निष्फल (निष्फल) = निरर्थक, णाउ फलरहित णेय (ज्ञेय) = जानने लायक नेमित्तिअ (नैमित्तिक) = निमित्त थोक्क ) (स्तोक) = अल्प, थोड़ा । शास्त्र जाननेवाला, ज्योतिषी परप्पर ) (परस्पर) = अन्योन्य, एक थेव ) परोप्पर / दूसरे को दायार । (दातृ) = दातार, देनेवाला |परुप्पर ) दाउ । |पालग (पालक) = पालन करनेवाला -१२५ थोव श -
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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