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________________ 2183 आओ संस्कृत सीखें संस्कृत में अनुवाद करें : 1. वैद्य द्वारा व्याधि से मरते हुए लोगों की व्याधि दूर की जाती है । (ह) 2. घर से जाते हुए पुत्र ने पिता से अनुमति मांगी । (आ + प्रच्छ्) 3. अद्भुत विनय और शौर्य द्वारा वल्लभ ने राजा के चित्त में प्रवेश किया। (नि + विश्) 4. अमृततुल्य वाणी द्वारा गुरु शिष्य के संदेह काटते हैं, (वृश्च्) अतः शिष्य अपने मस्तक धुनाते हुए गुरु की स्तुति करते हैं। (धू, नू) 5. अर्जुन ने द्रोणाचार्य के पास धनुर्विद्या ग्रहण की। (विद्) 6. उस जन्मे हुए पुत्र से क्या फायदा और मरे हुए पुत्र से क्या नुकसान, जिसके होते हुए भी पिता की भूमि दूसरों के द्वारा कब्जे की जाती है। (आ + क्रम्) हिन्दी में अनुवाद करे : 1. तात ! अभिषिच्यतां राज्ये भरतः परया मुदा । 2. वत्से ! परिष्वजस्व मां सखी-जनं च । 3. एते जना ममेदं रत्नस्वर्णादिकं लुम्पन्ति । 4. लिप्यते निखिलो लोको ज्ञान-सिद्धो न लिप्यते । 5. सर्वथा स्वप्रमादेन लज्जितोऽस्मि प्रसीदत । 6. य एव म्रियते जन्तुः स एवोत्पद्यते पुनः । अत्रुट्यत्तत्र सर्वेषां पाथेययवसादिकम् । इदमाश्रम-द्वारं यावत्प्रविशामि - शान्तमिदमाश्रम-पदं, स्फुरति च बाहुः, कुतः फलमिहास्य ? अथवा भवितव्यानां द्वाराणि भवन्ति सर्वत्र ।। 8. लिम्पतीव तमोऽङ्गानि वर्षतीवाञ्जनं नभः । असत्पुरुष-सेवेव, दृष्टि निष्फलतां गता ।। 9. मजत्यज्ञः किलाज्ञाने, विष्ठायामिव शूकरः। ज्ञानी निमज्जति ज्ञाने, मराल इव मानसे ।
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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