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________________ आओ संस्कृत सीखें 1. प्रतिदिन शक्ति अनुसार पढो । 2. संस्कृत में अनुवाद करो शास्त्र अनुसार तप करो । 3. समय पर भोजन करो । 4. मूर्खों के पास मत जाओ । 5. स्त्रियों में विश्वास मत करो । 6. आत्मा में लीन बनो । 7. दंड द्वारा प्रहार कर युद्ध मत करो । 8. जंगल में मत भटको । 9. 10. बिना सोचे मत बोल । 236 राजा के पास बहुत बार मत जा । ji. 11. गाँव के बाहर न रह । 12. रूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त कर । 13. ज्ञान के अनुसार गुण प्राप्त कर । हिन्दी में अनुवाद करो 1. प्रत्यहं प्रत्यवेक्षेत नरश्चरितमात्मनः किन्नु मे पशुभिस्तुल्यं किन्नु सत्पुरुषैरिति ।। 2. रामाय स्वस्त्यथाशंसेराशिषं लक्ष्मणस्य च । शिवास्ते सन्तु पन्थानः वत्स ! गच्छोपराघवम् ।। 3. तेभ्यो नमोऽञ्जलिरयं तेषां तान्समुपास्महे । त्वच्छासनाऽमृतरसै र्यैरात्माऽसिच्यताऽन्वहम् ।। 4. कर्माण्यवश्यं सर्वस्य फलन्त्येव चिरादपि । आपुरन्दरमाकीटं संसारस्थितिरीदृशी ।। 5. गुणैरत्यन्तविमलैः सा शीलविनयादिभिः । पत्युर्न्यलीयत हृदि मध्येवार्धीव जाह्नवी ।।
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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