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________________ आओ संस्कृत सीखें 2155 कम् के रूप अचकमे अचकमावहि अचकमामहि अचकमथाः अचकमेथाम् अचकमध्वम् अचकमत अचकमेताम् अचकमन्त शब्दार्थ आन्ध्र = आंध्र देश के राजा (पुंलिंग)| भुजा = बाहु (स्त्री लिंग) ईश = प्रभु (पुंलिंग) श्रुति = श्रवण (स्त्री लिंग) गण = समूह (पुंलिंग)|क्ष्मा = पृथ्वी (स्त्री लिंग) गोचर = विषय (पुंलिंग)| कैतव = कपट (नपुं. लिंग). ज्वर = बुखार (पुंलिंग)| वार् = पानी (नपुं. लिंग) पलाश = पलाश वृक्ष (पुंलिंग)| शून्य = शून्य (नपुं. लिंग) पात = गिरना (पुंलिंग)| श्मश्रु = मूछ, दाढ़ी (नपुं. लिंग) पाप = पापी (पुंलिंग)| | सुभ्रू = स्त्री (स्त्री लिंग) प्रत्युपकार = बदला (पुंलिंग)| अद्भुत = आश्चर्यकारक (विशेषण) फुत्कार = फुत्कार (पुंलिंग)| अध्वग = मुसाफिर . (विशेषण) बन्दिन् = मंगलपाठक आतुर = रोगी (विशेषण) रसज्वर = रस जन्य ताव (पुंलिंग)| घोर = भयंकर (विशेषण) वश = आधीन (पुंलिंग)| दुःखित = दुःखी (विशेषण) कुटी = झोपडी (स्त्री लिंग)| निवृत्त = शांत (विशेषण) धमनी = धमण (स्त्री लिंग)| संपृक्त = सहित (विशेषण) मैत्री = मैत्री भावना (स्त्री लिंग)| स्वैर = स्वतंत्र (विशेषण) प्रपा = परब (स्त्री लिंग)| हास्यकार = हंसी करनेवाला (विशेषण) धातु अव + इ = जानना गण 2 पर । 2 = जाना गण 1 पर. वश्श् = ठगना गण 10 आत्मने वि + नि + अस् = स्थापना करना गण 4 ____संस्कृत में अनुवाद करो 1. मुनि को देख राजा खुश हुआ (मुद्) और उनके अद्भुत तप सामर्थ्य का विचार
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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