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________________ आओ संस्कृत सीखें 11791 .. चिचयिथ, चिचेथ । . चिक्ये, चिच्ये । 6. गम्, हन्, जन्, खन् और घस् धातु के उपांत्य स्वर का अ (अङ्) सिवाय के स्वरादि किंत् ङित् प्रत्ययों पर लोप होता है। उदा. गम् + उस् जगम् + उस् = जग्मुः। जग्मिव । हन् - जघ्नुः - घ्नन्ति । जन् - जज्ञे । खन् - चख्नुः । घस् - जक्षुः । परंतु जगमिथ, जगन्थ । जघनिथ - जघन्थ। चखनिथ। जघसिथ-जधस्थ। जगम, जगाम यहाँ कित् ङित् प्रत्यय नहीं होने से उपांत्य स्वर का लोप नहीं होगा । अद् धातु का परीक्षा में विकल्प से घस् होता है - उदा. जघसिथ, जक्षथुः । विकल्प में - आदिथ, आदथुः । 8. इ (जाना) धातु के इ का स्वरादि प्रत्ययों पर इय् होता है । उदा. इ + अतुस् इ इ + अतुस् इइय् + अतुस् = ईयतुः । इयय, इयाय, ईयिव, इययिथ, इयेथ । 9. शित् सिवाय के कित् ङित् स्वरादि प्रत्यय तथा इ (इट्) और उस् (पुस्) प्रत्ययों पर आकारांत धातु के आ का लोप होता है । उदा. पपिव, पपिथ, पपुः । 10. आ कार के बाद अ (णव्) प्रत्यय का औ होता हैं । पा - कर्तरि में पपौ पपिव पपिम पपिथ, पपाथ पप पपौ पपतुः पपथुः पपु:
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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