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________________ आओ संस्कृत सीखें 21723 श्रि - परस्मैपदी (पाठ 14, नियम 17) शिश्रय, शिश्राय शिश्रियिव शिश्रियिम शिश्रियिथ शिश्रियथुः शिश्रिय शिश्राय शिश्रियतुः शिश्रियुः श्रि - आत्मनेपदी शिश्रिये शिश्रियिवहे शिश्रियिमहे शिश्रियिषे शिश्रियाथे शिश्रियिढ्वे, ध्वे शिश्रिये शिश्रियाते शिश्रियिरे लू - परस्मैपदी लुलव, लुलाव लुलुविव लुलुविम लुलविथ लुलुवथुः लुलुव लुलाव लुलुवतुः लुलुवुः लू - आत्मनेपदी लुलुविवहे लुलुविमहे लुलुवाथे लुलुविवे, ध्वे लुलुवे लुलुवाते लुलुविरे 10. सृज, दृश्, स्कृ धातु से, स्वरांत अनिट् धातुओं से तथा जिसमें अ हो ऐसे अनिट् धातुओं से थ के पहले विकल्प से इ (इट) होता हैं। उदा. सृज् - सस्रष्ठ, ससर्जिथ । दृश् - दद्रष्ठ, ददर्शिथ । स्कृ - सञ्चस्कर्थ, सञ्चस्करिथ । नी - निनेथ, निनयिथ । त्यज् - तत्यक्थ, तत्यजिथ । सञ्ज - ससङ्क्थ, ससञ्जिथ । 11. ह्रस्व ऋकारांत अनिट् धातुओं से थ के पहले इ नहीं होती है। उदा. ह्र = जहर्थ । 12. क्र, वृ, व्ये और अद् धातु से थ के पहले इ होती है । उदा. आरिथ, ववरिथ, संविव्ययिथ, आदिथ । लुलुवे लुलुविषे
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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