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________________ आओ संस्कृत सीखें चिन्त् = चिंतन करना, चिंता करना दण्ड = दंड देना पीड् = दुःख देना, पीड़ना पूज् = पूजा करना, पूजना वर्ण वर्णन करना, सान्त्व् = शांत करना, खुश करना चुर् = चोरी करना रंगना पाठ-7 परस्मैपदी दसवें गण के धातु भूष् = शोभा करना तड् = ताड़न करना, मारना पृ = पार करना, पूर्ण करना पल् = पालन करना, रक्षण करना भक्ष् खाना = भक्षण करना, कथ् गण् घुष् = घोषणा करना, आवाज करना रच् = रचना करना, तुल् = तोलना = 1. तुम दोनों शोक करते हो । 2. वे दोनों सांत्वना देते हैं । संस्कृत 3. मैं नाच करता हूँ । 4. तुम दोनों पूजा करते हो । 5. हम वर्णन करते हैं । 6. तुम दोनों लिखते हो । 7. तुम चोरी करते हो । 8. तुम दोनों शणगार करते हो । 1. वयं चिन्तयामः । 2. आवां स्पृशाव: T: 1 3. त्वं दण्डयसि । 4. लुभ्यन्ति । 5. वर्षन्ति । 6. युवां पीडयथः । 7. ते चोरयन्ति । 8. अहं घोषयामि । 14 ७ = कथा करना, कहना = गणना करना, स्पृह = स्पृहा करना में अनुवाद करो · गिनती करना, चाहना 9. तुम तोलते हो । 10. मैं तोलता हूँ । 11. वे चोरी करते हैं । 12. हम दोनों घोषणा करते हैं । 13. तुम पोषण करते हो । 14. हम रचना करते हैं । 15. तुम हटते हो । हिन्दी में अनुवाद करो 9. आवां तोलयावः । 10. त्वं भूषयसि । 11. युवां चोरयथः । 12. यूयं घोषयथ । 13. वयं सान्त्वयामः | 14. अहं जयामि । 15. ते पूजयन्ति ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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