SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आओ संस्कृत सीखें + ल ल उच्चार स्थान वर्ण के उच्चार स्थान आठ हैं - छाती, कंठ, शिर, जिह्वामूल, दाँत, नासिका, ओष्ठ और तालु । कंट्य :- अ वर्ण, क वर्ग, ह्, विसर्ग (:) तालव्य :- इ वर्ण, च वर्ग, यश, ए ऐ ओष्ठ्य :- उ वर्ण, पवर्ग, ओ, औ, उपध्मानीय मूर्धन्य :- ऋ वर्ण, ट वर्ग, र्ष दंत्य :- लु वर्ण, तवर्ग, लस . दंत्यौष्ट्य :- व् नासिक्य :- अनुस्वार जिह्वय :-- जिह्वामूलीय व्यंजन तथा स्वरों का संयोजन = क क् + लृ = क्लू क् + आ = का क् + ल = क्लू क् + इ = कि क् + ए = के क् + ई = क् + ऐ = कै क् + उ = कु क् + ओ = को क् + ऊ = कू क् + औ = कौ ___ = कृ क् + अ + = कं क् + ऋ = कृ क् + अ + : = कः इसी प्रकार सभी व्यंजन और स्वरों के मिलने से बारहखड़ी तैयार होती है। कतिपय संयुक्ताक्षर क् + ष = क्ष द् +ध = द्ध ज् + ञ = ज्ञ क् + त = क्त प् + र = प्र द् + ग = द्ग र् + ष = र्ष श् + च = श्व त् + र = त्र द् + द = ६ ह + व = ह्व tor OS + + + + Phe + + + by CF 70 + +
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy