SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 193
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आओ संस्कृत सीखें 1168 9. जिन दो का धन समान है और जिन दोनों का कुल समान है, उन दोनों की दोस्ती और शादी होती है, मगर उत्तम और अधम की मैत्री और शादी नहीं होती। 10. अभ्यास बिना विद्या जहर है, अजीर्ण में भोजन विष है, दरिद्र को सभा विष है और वृद्ध पुरुष को युवती विष है। .. 11. चन्दन के वृक्ष का मूल सर्पो से, शिखर बंदरों से, शाखा पक्षियों से और फूल भ्रमरों से हमेशा आश्रित हुए होते हैं, सज्जन मनुष्यों की संपत्ति परोपकार के लिए होती है । पाठ-33 1. उपपर्वतं नदी वहति । 2. एषा नदी स्वादुजलाऽस्ति । 3. अभया इमे मार्गाः सन्ति । 4. प्रियदर्शनः सपुत्रः पत्तनमागतोऽस्ति । 5. वीतरागः श्रीमहावीरोऽस्माकं नाथोस्ति । 6. अनुराम सीता गच्छति । 7. एष जनोऽज्ञानोऽस्ति । 8. नलदमयन्त्यौ वने अटताम् । 9. प्रभुमहावीरस्य ज्ञानमनन्तमासीत् । 10. मत्तगजमिदं वनमस्ति । 11. अभयेऽस्मिन् राज्ये जनाः सुखेन वसन्ति । संस्कृत का हिन्दी अनुवाद 1. पृथ्वी बहुत रत्नवाली है । 2. वैराग्य ही भयरहित है । . 3. राम और रावण का युद्ध राम रावण के युद्ध जैसा है | 4. शोकरहित मैं शोकवाली तुम को देखने में समर्थ नहीं हूँ । 5. उदार स्वभाववालों को तो पृथ्वी ही कुटुंब है ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy