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________________ आओ संस्कृत सीखें 162 पाठ-29 हिन्दी का संस्कृत अनुवाद 1. मेघे वर्षति मयूरा नृत्यन्ति । 2. दीपे सति कोऽग्निमपेक्षते ? 3. महालये प्रविशती र्महिषीः पश्यन्नृपस्तिष्ठति । 4. काले गच्छति तस्य शोकोऽशाम्यत् । 5. दिनेषु गच्छत्सु रतिलालः पण्डितोऽभवत् । 6. लर्षाया मूले नष्टे पर्णानि शुष्यन्ति । 7. गुरोस्तिष्ठतः शिष्य उपविशति । 8. जीवन् नरो भद्रम् पश्यति । 9. सतां सद्भिस्संग ः पुण्येनैव भवति । 10. ग्रामं गच्छन्तीं जननीम्पश्यन्ती बाला रटति । 11. युष्माकं गृहमागच्छतो ममानन्दो भवति । 12. वने चरन्तीभि र्धेनुभिः कासारे जलं पिबन्त्या वोऽदृश्यत । 13. अमुष्मिन्मार्गे चलतां लोकानां धनञ्चौरा न चोरयन्ति । 14. धावतोऽश्वात् सोऽपतत् । 15. चौरैश्चौर्यमाणान्याभूषणान्यस्माभिरलभ्यन्त । 16. लोकान्पीडयतो जनान् नृपो दण्डयति ताडयति च । संस्कृत का हिन्दी अनुवाद 1. नगर मे प्रवेश करते हुए दो मित्र तुम्हारे हर्ष के लिए क्यों नहीं हुए ? 2. राम ने सती सीता वन में छोड़ दी । 3. उपाय होने पर सभी के चित्त का रंजन करना चाहिए । 4. पताका से शोभित जिनमंदिर में गाती और खेलती हुई बालिकाएँ पिता द्वारा देखी गयीं । 5. देवों द्वारा अनुभव कराते हुए सुख की राजा हमेंशा स्पृहा करता |
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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