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________________ प्रथमा आओ संस्कृत सीखें 11291 8. धुट् प्रत्ययों पर चतुर् के उ का वा होता है . .. चत्वारः पुंलिंग चत्वारि नपुं.लिंग प्रथमा द्वितीया 9. शब्द के अंत में मूल से ही र् हो तो सु प्रत्यय पर कुछ भी परिवर्तन नहीं होता है । उदा. चतुषु 10. स्वरादि प्रत्ययों पर तिसृ और चतसृ के ऋ का र होता है । उदा. तिस्रः, चतस्रः 11. नाम् प्रत्यय पर तिसृ चतसृ, षकारांत और रकारांत का समान स्वर दीर्घ नहीं होता है, परंतु नकारांत का समान स्वर दीर्घ होता है । उदा. तिसृणाम् चतसृणाम् षण्णाम् पञ्चन् + नाम = पञ्चानाम् - यहाँ न का लोप हुआ है । 12. षकारांत और नकारांत नामो के प्रथमा-द्वितीया का प्रत्यय 0 है | 13. विभक्ति के प्रत्ययों पर अष्टन् का विकल्प से अष्टा होता है । 14. अष्टा के बाद प्रथमा-द्वितीया का प्रत्यय औ है । रूप . पचन | ) ہم 1. पञ्च 2. पञ्च 3. पञ्चभिः 4. पञ्चभ्यः 5. पञ्चभ्यः 6. पञ्चानाम् | 7. पञ्चसु षड्भिः | षष्ट । अष्टन् षट्, ड् । अष्ट षट्, ड् अष्ट अष्टभिः षड्भ्यः अष्टभ्यः षड्भ्यः अष्टभ्यः षण्णाम् अष्टानाम् षट्सु अष्टसु षष् + नाम = षड् + नाम = षण्णाम् अष्टौ अष्टौ अष्टाभिः अष्टाभ्यः अष्टाभ्यः अष्टानाम् अष्टासु
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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