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________________ श्री कायस्थिति प्रकरण. (३) तिने पहेले दिवसे एकसाने अंशी योजन जगतीयो द्वीपनी अंदर पेसे छे. तेथी पीस्साळीश हजार योजनमा तेटला ( एकसो अंशो) योजन ओछा जाणवा. एटले के चुमाळीश हजार आठसोने वीश ४४८२० योजन उत्तर दिशामां मेरु सुधी किरणो प्रसरे छे. जो के मांडलानी समान श्रेणीए मेरुनो विष्कम दश हजार योजननो नथी, पण तेथी कांइक न्यून छे, तोपण व्यवहारथी तेटलो लीयो छे. हवे दक्षिण दिशामां किरणनो प्रसर कहे छे-दक्षिण दिशाम जंबुद्वीप संबंधी एकसोने अंशी योजन क्या लवण समुद्रमा तेत्री हजार अणसाने तेत्रीश योजन तथा एक योजननो त्रीनो भांग, ए बन्ने मळीने ३३५१३ । योजना किरणोनो प्रसर छे. एज प्र. माणे जंबूरोपमा रहेला बोजा सूर्यनेो पण किरण प्रसर जाणी लेवो. ३७. ___ हवे मकर संक्रांतिमां जेटलो किरण प्रसर ओछो रहे छे ते कहे छे. इगतीस सहस अड सय इगतीसा तह य ताससहसा। मयरे रविरसीउ पुत्ववरेणं अहउदी ॥ ३८ ॥ ___अर्थ-सौथी अंदरना मांडलामांथी बहार नीकळतो सूर्य अनुक्रमे किरणना प्रसरमा ओछी थतो थतो सौथी वहारना मांडलामां आवे छे. त्यां एकत्रीश हजार आठसोने एकत्रीश योजन तथा एक योजनना एकसठोया त्रीश भाग ३१८३१ ३१ आटला योजन किरणनो प्रसर मकर संक्रांतिमा पूर्व अने पश्चिम दिशामा होय छे, बन्ने मळीने ते दिवसे उदय अने अस्तनुं आंवरु ६३६६३ याय छे. अहीं हमेशां १७२ १३ | १४ | योजन किरण प्रसरनी हानी यती जाय छे तेमां पूर्व अने पश्चिम ए रेकने माटे जूद जूहूँ कहीए तो तेथी अर्थ एटले ८६३ | | योजन किरण प्रसरनी हानी याय छे. ३८
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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