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________________ ( २०० ) एकजीवना प्रदेशो उत्कृष्टपदे एक निगोदना जीव प्रदेशो उत्कृष्टपदे गोलामां, असंख्यात अनंत रहेल सर्व जीवना, असंख्यात प्रदेशो 33 तं ते पुण-वळी 19 निमोद पत्रिशिका. असंख्यात अनंत " केदरपणं-केटला प्रमाणवाळी, गुणियं गुणाथी 33 एक लाख X एक लाख= हजार कोटि १०००००००० एक लाख + एक लाख + एक लाख = दश कोटाकोटी जीव प्रदेशो १००००००००००००००० "" तं पुण केदइएणं, गुणियमसं खिज्जयं भविज्जाहि । भण्णइ दव्वट्टाए, जावइया सव्वगोलत्ति ॥ १९ ॥ असं खिज्जयं - असं ख्यातु भविज्जा थाय भण्ण-कहेवाथ छे दबट्टाए- द्रव्यनी अ. पेक्षाप जीवइया- जेटला सम्यगोल सर्वे गोला अर्थ - ते राशि केटला प्रमाणथी गुणीए के जेथी असंख्यात थाय ? कहीए छीए द्रव्य अपेक्षाए जेटला गोळा छे तेटलाथी. १९ विवेचन - केटला प्रमाणवाळी असंख्यात राशिथी गुणीए वो उत्कृष्टपदमा रहेल जीवराशि संबंधी गणित आवे ? जीवोना प्रदेशद्वारा नहि पण जीव द्रव्यनी अपेक्षाए समग्र लोकनी अंदर जेटला गोला छे तेटला गोलाधी गुणाकार करवो. एक आकाश प्रदेश उपर जेटला जीवना प्रदेशा छे तेटला गोळा छे. कारण के बघा गोलाओनी संख्या पण तेटलीज़ के सारांश ए के एक
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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