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________________ ( १९० ) मूक तथा भाषांतर. वे बीओ गोलो केवी रीते नीपजे हे ते कहे छेःतत्तो चिअ गोलाओ, उक्कोसपयं मुइन्तु जो अन्नो । होइ निगोओ तंमिवि, अन्नो निष्फज्जइ गोलो ॥ ७ ॥ मुत्तु - मूकीने अन्नो-अन्य तंमिषि-तेमां पण होइ-होय छे तत्तो- त्यार पछी च्यिभ - निश्चे गोलाओ-गोळाथी निष्फज्जइ-नीपजे के उक्कोसपर्यं - उत्कृष्टपद निंगोओ-निगोद गोलो-गोळो F अर्थ-त्यार पछी ते गोळाना उत्कृष्टपदने छोडीने जे बीजी नीगोदो रहेली छे तेमां (बीजा' उत्कृष्टपदधी ) बीजो गोळी बने छे. ७ विवेचन उपर कहेला गोळाने आश्रीने वीजा गोळो वने छे. केवी रीते ? उत्तरः- प्रथमना गोळानुं विवक्षित उत्कृष्टपदने छोडीने जे बीजी निगोदो रही छे तेमां उत्कृष्टपदनी कल्पनाथी बीजेा गोळो बने छे. भावार्थ आ प्रमाणेः - प्रथमना उत्कृष्टपदने Noteboo श्री विवक्षित निगोदनी अवगाहनामां एक एक प्रदेशनी वृद्धि हानि वडे जे अन्य निगोदो स्थापी छे तेमांनी कोड एक पण निगोदने आश्रीने बीजी निगोदो स्थापनाथी बीजेा गोलो बने थे. एटले एक एक आकाश प्रदेशनी वृद्धि हानि बडे जे निगोदी रही ते निगोदोमां प्रथमना उत्कृष्ट पदने नहि स्पर्शता आकाश प्रदेशने विषे अन्य उत्कृष्टपद स्थापनाथी वीजा गोळो वने छे, ए प्रमाणे असंख्याता गोळा बने छे. ७ Grand एवं निगोयमित्तं वित्तं गोलस्स होइ निष्पत्ती | एवं निष्फज्जंते, लोगे गोला असंग्विज्जा ॥ ८ ॥ लोगे - लोकमां अलंखिज्जा - असं. ख्याता प-प प्रमाणे निगायमित्ते - निगोद मान जिसे क्षेत्रमां गोलस्स-गोलानी होइ थाय छे निष्पत्ती - निष्पति निष्फज्जते - निपजे छे.
SR No.023119
Book TitlePushpa Prakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages306
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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