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________________ इस श्लोकमें वीभत्सुः शब्दका निर्वचन प्राप्त होता हैं वीभत्स कर्म न करने वाले वीभत्सुनामसे विश्रुत हुए। वीभत्स एवं वीभत्सु शब्दमें बध चित्तविकारे धातुका योग है । वीभत्सु शब्द वध् + सन् + उ प्रत्यय से निष्पन्न होता है। यह निर्वचन कर्माश्रित है। इसका ध्वन्यात्मक आधार संगत है । यद्यपि इसमें प्रकृति प्रत्ययको स्पष्ट नहीं किया गया है। वीभत्सु संज्ञापद है। “मां स भक्षयते यस्माद् भक्षयिष्ये तमप्यहम् एतन्मांसस्य मांसत्वम् अनुवुद्धयस्व भारत ।। 10 इस श्लोकमें मांस शब्दका निर्वचन प्राप्त होता है, यह अक्षरात्मक निर्वचन है। मांस शब्दके निर्वचनमें मां + स की कल्पनाकी गई है जो संगत नहीं है। इसे अशुद्ध निर्वचन माना जायेगा । मात्रध्वन्यात्मक संगतिके लिए इस प्रकारकी कल्पना की गई है। विष्णु शब्दके निर्वचनमें वृहत्त्वाद्धिष्णुरूच्यते कह कर विष्णु शब्दमें वृंह धातु का योग माना गया है। इसी प्रकार नारायण शब्द के निर्वचन में नराणामयनाच्चापि ततो नारायणः स्मृतः2 कहा गया है। इसके अनुसार नर+ अयन पद खण्ड प्राप्त होते हैं। नारायण शब्दका निर्वचन भाषा विज्ञान के अनुसार भी उपयुक्त है। इन निर्वचनोंके परिदर्शनसे स्पष्ट है कि महाभारतमें भी निर्वचन हुए हैं। महाभारतके निर्वचन शब्दोंके अर्थात्मक पक्षको अधिक महत्त्व देते हैं। इसके द्वारा शब्दोंके ऐतिहासिक पक्षका भी उद्घाटन होता है। कहीं-कहीं निर्वचन संगत नहीं हो पाये हैं। कुछ निर्वचन तो भाषा वैज्ञानिक दृष्टिसे संगत हैं | कुछ निर्वचनोंमें भाषा वैज्ञानिक पक्ष उपेक्षित है। सन्दर्भ संकेत :1.धर्मे ह्यर्थे च कामे च मोक्षे च भरतर्षभ । यदिहास्ति तदन्यत्र यन्नेहास्ति न तत् क्वचित् ।। महा0। अर्थशास्त्रमिदं प्रोक्तं धर्मशास्त्रमिदं महत् । कामशास्त्रमिदं प्रोक्तं व्यासेनामितबुद्धिना।। महा0 आO पर्व0 2 |383 2. महा0 11104 115, 3. कृषि वाचकः शब्दो णश्च निर्वृतिवाचकः | कृष्णस्तद्भावयोगाच्च कृष्णो भवति सात्वतः ।। 5 170 15 4. 3 |275 140, 5. 3 |277 16, 6, अश्व० पर्व 4116,7. अश्व0 पर्व 90 152, 8. भार्याया भरणाद्भर्ता पालनाच्च पतिः स्मृतः । ४१ : व्युत्पत्ति विज्ञान और आचार्य यास्क
SR No.023115
Book TitleVyutpatti Vigyan Aur Aacharya Yask
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamashish Pandey
PublisherPrabodh Sanskrit Prakashan
Publication Year1999
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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