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________________ धातुका योग है। डा0 वर्माके अनुसार यह निर्वचन भाषा विज्ञानके अनुकूल है। ध्वन्यात्मक एवं अर्थात्मक आधार सभी निर्वचनोंमें उपयुक्त है। इसके निर्वचनमें मुद्रया सहितः समुद्रःभी कहाजा सकता है क्योंकि इसमें रत्नभरे पड़े है। समुद्रसे ही रत्न निकाले जानेका पौराणिक आख्यान उपलब्ध होता है या इसका एक नाम रत्नाकर है। मुद्राका अर्थ मर्यादाभी होता है तदनुसार सह मुद्रया मर्यादया वर्तते इतिवा अर्थात् मुद्रा या मर्यादाके साथ रहने वाला समुद्र कहलाता है।159 व्याकरणके अनुसार इसे सम् उपसर्ग पूर्वक उन्धातुसे रक० प्रत्यय कर बनाया जा सकता है। (76) आर्टिषेण:- यह एक ऋषिका नाम है। यह शब्द तद्धितान्त है। निरुक्तमें इसके दो निर्वचन प्राप्त है - (1) ऋष्टिषेणस्य पुत्रः16 अर्थात् ऋष्टिषेणके पुत्र होनेके कारण आष्टिषेण कहलाया। (2) इषितसेनस्येतिवा अर्थात् इषितषेणके पुत्र होने के कारण आष्टिषेण कहलाया। यास्कका प्रथम निर्वचन ध्वन्यात्मक एवं अर्थात्मक आधारसे संगत है। ऋष्टिषेणका अर्थ ऋष्टियों अर्थात् शस्त्रोंसे सम्पन्न सेना वाला तथा इषितसेनका अर्थ कार्यरत सेनावाला होता है। 62 द्वितीय निर्वचनका आधार अर्थात्मक है।भाषा विज्ञानके अनुसार इस शब्दमें अपश्रुति मानी जायगी। व्याकरणके शब्दोंमें इसे सम्प्रसारण कहा जा सकता है। तद्धितके अनुसार ऋष्टिषेण + अण्-आष्टिषेणः होगा। (77) सेना:- सेनाका अर्थ होता है सैनिकोंका दल । निरुक्तके अनुसार - सेना सेश्वरा (2) समानगतिर्वा अर्थात् स्वामीके साथ जो हो उसे सेना कहा जायगा या जो समान गति वाला हो । प्रथम निर्वचनमें सह-स+इनसेना। इनकाअर्थस्वामी होता है इनेन सहिता सेना। द्वितीय निर्वचनके अनुसार समान + गम् – धातु है। दोनोंही निर्वचन भाषा विज्ञानकी दृष्टिसे अपूर्ण है। डा0 वर्मा इसे भाषा विज्ञानकी अविकसित स्थितिका निर्वचन मानते है।163 अमर कोषके प्रसिद्ध टीकाकार क्षीरस्वामीने इसे सह इनेन वर्तते इति- सेना माना है। इसके अनुसार स + इनासे सेना बना। यास्कके निर्वचनोंका ध्वन्यात्मक आधार तो अपूर्ण है ही अर्थात्मक आधार भी आंशिक ही संगत है। (सिनोति शत्रुमिति सेना) १६८: व्युत्पत्ति विज्ञान और आचार्य यास्क
SR No.023115
Book TitleVyutpatti Vigyan Aur Aacharya Yask
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamashish Pandey
PublisherPrabodh Sanskrit Prakashan
Publication Year1999
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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