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________________ षड्विंशतितमोऽध्यायः 453 से धन-नाश होता है, यदि ऊपर न गिरकर पास में गिरती है तो धन-हानि के साथ स्त्री-पुत्र एवं अन्य कुटुम्बियों को कष्ट होता है। जी० एच० मिलर के मत से, किसी भी वस्तु का ऊपर गिरना धननाश कारक है । डॉ० सी० जे० ह्विटवे के मत से किसी वस्तु के ऊपर गिरने से तथा गिरकर चोट लगने से मृत्यु तुल्य कष्ट होता है। कटार-स्वप्न में कटार के देखने से कष्ट और कटार चलाते हुए देखने से धनहानि तथा निकट कुटुम्बी के दर्शन, मांस भोजन एवं पत्नी से प्रेम होता है। किसी-किसी के मत से अपने में स्वयं कटार भोंकते हुए देखने से किसी के रोगी होने के समाचार सुनाई पड़ते हैं। कनेर--स्वप्न में कनेर के फूल वृक्ष का दर्शन करने से मान-प्रतिष्ठा मिलती है। कनेर के वृक्ष से फूल और पत्तों को गिरना देखने से किसी निकट आत्मीय की मृत्यु होती है । कनेर का फल भक्षण करना रोगसूचक है, तथा एक सप्ताह के भीतर अत्यन्त अशान्ति देने वाला होता है। कनेर के वृक्ष के नीचे बैठकर पुस्तक पढ़ता हुआ अपने को देखने से दो वर्ष के बाद साहित्यिक क्षेत्र में यश की प्राप्ति होती है, एवं नये-नये प्रयोग का आविष्का होता है। किला--किले की रक्षा के लिए लड़ाई करते हुए देखने से मानहानि एवं चिन्ताएं; किले में भ्रमण करने से शारीरिक कष्ट; किले के दरवाजे पर पहरा लगाने से प्रेमिका से मिलन एवं मित्रों की प्राप्ति और किले के देखने मात्र से परदेशी बन्धु से मिलन होता है तथा सुन्दर स्वादिष्ट मांस भक्षण को मिलता है। केला-स्वप्न में केला का दर्शन शुभफल दायक होता है और केले का भक्षण अनिष्ट फल देने वाला होता है। किसी के हाथ से जबरदस्ती केला लेकर खाने से मृत्यु और केले के पत्तों पर रखकर भोजन करने से कष्ट एवं केले के थम्भे लगाने से घर में मांगलिक कार्य होते हैं। केश-किसी सुन्दरी के केशपाश का स्वप्न में चुम्बन करने से प्रेमिका-मिलन और केश के दर्शन से मुकदमे में पराजय एवं दैनिक कार्यों में असफलता मिलती है। खलस्वप्न में किसी दुष्ट के दर्शन करने से मित्रों से अनबन और लड़ाई करने से मित्रों से प्रेम होता है। खल के साथ मित्रता करने से नाना भय और चिन्ताएँ उत्पन्न होती हैं । खल के साथ भोजन-पान करने से शारीरिक कष्ट, बातचीत करने से रोग और उसके हाथ से दूध लेने से सैकड़ों रुपयों की प्राप्ति होती है। किसी-किसी के मत से खल का दर्शन शुभ माना गया है। खेल-स्वप्न में खेलते हुए देखने से स्वास्थ्य वृद्धि और दूसरों को खेलते हुए देखने से ख्याति-लाभ होता है। खेल में अपने को पराजित देखने से कार्य साफल्य और जय देखने से कार्य-हानि होती है। खेल का मैदान देखने से युद्ध में भाग
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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