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________________ षड्विंशतितमोऽध्यायः 449 भूकम्प-भूकम्प होना देखने से रोगी की मृत्यु और स्वस्थ व्यक्ति रुग्ण होता है । चन्द्रसेन मुनि के मत से, स्वप्न में भूकम्प देखने से राजा का मरण होता है । भद्रबाहु स्वामी के मत से, स्वप्न में भूकम्प होना देखने से राज्य विनाश के साथ-साथ देश में बड़ा भारी उपद्रव होता है। __ मल-मूत्र-- स्वप्न में मल-मूत्र का शरीर में लग जाना देखने से धनप्राप्ति; भक्षण करना देखने से सुख और स्पर्श करना देखने से सम्मान मिलता है। मृत्यु --स्वप्न में किसी की मृत्यु देखने से शुभ होता है और जिसकी मृत्यु देखते हैं वह दीर्घजीवी होता है। परन्तु अन्य दुःखद घटनाएं सुनने को मिलती हैं। यव-स्वप्न में जो देखने से घर में पूजा, होम और अन्य मांगलिक कार्य होते हैं। युद्ध-स्वप्न में युद्ध विजय देखने से शुभ, पराजय देखने से अशुभ और युद्ध सम्बन्धी वस्तुओं को देखने से चिन्ता होती है। रुधिर-स्वप्न में शरीर में से रुधिर निकलना देखने से धन-धान्य की प्राप्ति; रुधिर से अभिषेक करता हुआ देखने से सुख; स्नान देखने से अर्थ-लाभ और रुधिर पान करना देखने से विद्या-लाभ एवं अर्थलाभ होता है। लता-स्वप्न में कण्टकवाली लता देखने से गुल्म रोग; साधारण फल-फूल सहित लता देखने से नृपदर्शन और लता के क्रीड़ा करने से रोग होता है। लोहा-स्वप्न में लोहा देखने से अनिष्ट और लोहा या लोहे से निर्मित वस्तुओं के प्राप्त करने से आधि-व्याधि और मृत्यु होती है। वमन-स्वप्न में वमन और दस्त होना देखने से रोगी की मृत्यु; मल-मूत्र और सोना-चाँदी का वमन करना देखने से निकट मृत्यु; रुधिर वमन करना देखने से छः मास आयु शेष और दूध वमन करना देखने से पुत्र-प्राप्ति होती है। विवाह-स्वप्न में अन्य के विवाह या विवाहोत्सव में योग देना देखने से पीड़ा, दुःख या किसी आत्मीय जन की मृत्यु और अपना विवाह देखने से मृत्यु या मृत्यु-तुल्य पीड़ा होती है। ___ वीणा-स्वप्न में अपने द्वारा वीणा बजाना देखने से पुत्र-प्राप्ति; दूसरों के द्वारा वीणा बजाना देखने से मृत्यु या मृत्यु तुल्य पीड़ा होती है। शृंग-स्वप्न में शृंग और नखवाले पशुओं को मारने के लिए दौड़ना देखने से राज्य भय और मारते हुए देखने से रोगी होता है। स्त्री-स्वप्न में श्वेत वस्त्र परिहिता, हाथों में श्वेत पुष्प या माला धारण करने वाली एवं सुन्दर आभूषणों से सुशोभित स्त्री के देखने तथा आलिंगन करने से धन प्राप्ति; रोग मुक्ति होती है। परस्त्रियों का लाभ होना अथवा आलिंगन करना देखने से शुभ फल होता है। पीतवस्त्र परिहिता, पीत पुष्प या पीत माला धारण करने वाली स्त्री को स्वप्न में देखने से कल्याण; समवस्त्र परिहिता, मुक्त
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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