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________________ 206 भद्रबाहुसंहिता इमं यात्राविधिं कृत्स्नं योऽभिजानाति तत्त्वतः । न्यायतश्च प्रयुंजीत् प्राप्नुयात् स महत् पदम् ।।186॥ जो राजा इस यात्रा विधि को वास्तविक और सम्पूर्ण रूप से जानता है और न्यायपूर्वक व्यवहार करता है, वह महान् पद प्राप्त करता है ।। 186।। इति महामुनीश्वरसकलानन्दमहामुनिभद्रबाहुविरचिते महानिमित्तशास्त्रे राजयात्राध्याय: समाप्तः । विवेचन–प्रस्तुत यात्रा प्रकरण में राजा महाराजाओं की यात्रा का निरूपण आचार्य ने किया है। चूंकि अब गणतन्त्र भारत में राजाओं की परम्परा ही समाप्त हो चुकी है। अतः यहाँ पर सर्व सामान्य के लिए यात्रा सम्बन्ध की उपयोगी बातों पर प्रकाश डाला जायगा। सर्वप्रथम यात्रा के मुहूर्त के सम्बन्ध में कुछ लिखा जाता है। क्योंकि समय के शुभाशुभत्व का प्रभाव प्रत्येक जड़ या चेतन पदार्थ पर पड़ता है । यात्रा के मुहर्त के लिए शुभ नक्षत्र, शुभ तिथि, शुभ वार और चन्द्रवास के विचार के अतिरिक्त वारशूल, नक्षत्र शूल, समय शूल, योगिनी और राशि के क्रम का विचार भी करना चाहिए। यात्रा के लिए नक्षत्र-विचार अश्विनी, पुनर्वसु, अनुराधा, मृगशिरा, पुष्य, रेवती, हस्त, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र यात्रा के लिए उत्तम; रोहिणी, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, ज्येष्ठा, मूल और शतभिषा ये नक्षत्र मध्यम एवं भरणी, कृत्तिका, आर्द्रा, आश्लेषा, मघा, चित्रा, स्वाति, विशाखा ये नक्षत्र यात्रा के लिए निन्द्य हैं। तिथियों में द्वितीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी शुभ बताई गई हैं। दिक्शूल और नक्षत्रशूल तथा प्रत्येक दिशा के शुभ दिन ज्येष्ठा नक्षत्र, सोमवार तथा शनिवार को पूर्व में, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और गुरुवार को दक्षिण में; रोहिणी नक्षत्र और शुक्रवार को पश्चिम एवं मंगल तथा बुधवार को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में उत्तर दिशा में यात्रा करना वर्जित है। पूर्व दिशा में रविवार, मंगलवार और गुरुवार; पश्चिम में शनिवार, सोमवार, बुधवार और गुरुवार; उत्तर दिशा में गुरुवार, रविवार, सोमवार और शुक्रवार एवं दक्षिण दिशा में बुधवार, मंगलवार, मोमवार, रविवार और शुक्रवार को गमन करना शुभ होता है । जो नक्षत्र का विचार नहीं कर सकते हैं वे उक्त
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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