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________________ 120 भद्रबाहु संहिता कला-कौशल की वृद्धि होती है और नैतिकता का विकास नागरिकों में पूर्णतया होता है। नेताओं में प्रेमभाव बढ़ता है जिससे वे देश या राष्ट्र के कार्यों को बड़े सुन्दर ढंग से सम्पादित करते हैं। गुरुवार को पूर्वीय वायु चले तो देश में विद्या IT विकास, नये-नये अन्वेषण के कार्य, विज्ञान की उन्नति एवं नये-नये प्रकार की विद्याओं का प्रसार होता है । नगरों में सभी प्रकार का अमन चैन रहता है । शुक्रवार को पूर्वीय वायु दिनभर चलता रहे तो शान्ति, सुभिक्ष और उन्नति का सूचक है, इस प्रकार के वायु से देश की सर्वांगीण उन्नति होती है । व्यापारिक फलादेश – आषाढ़ी पूर्णिमा को प्रातः काल पूर्वीय हवा, मध्याह्न दक्षिणीय हवा, अपराह्न काल पश्चिमीय हवा और सन्ध्या समय उत्तरीय हवा चले तो एक महीने में स्वर्ण के व्यापार में सवाया लाभ, चाँदी के व्यापार में डेढ़ गुना तथा गुड़ के व्यापार में बहुत लाभ होता है । अन्न का भाव सस्ता होता है। तथा कपड़े और सूत के व्यापार में तीन महीनों तक लाभ होता रहता है। यदि इस दिन प्रातः काल से सूर्यास्त तक दक्षिणीय हवा ही चलती रहे तो सभी वस्तुएं पन्द्रह दिन के बाद ही मंहगी हो जाती हैं और यह मंहगी का बाजार लगभग छः महीने तक चलता है । इस प्रकार के वायु का फल विशेषतः यह है कि अन्न का भाव बहुत मँहगा होता है तथा अन्न की कमी भी हो जाती है । यदि आधे दिन दक्षिणीय वायु चले, उपरान्त पूर्वीय या उत्तरीय वायु चलने लगे तो व्यापारिक जगत् में विशेष हलचल रहती है तथा वस्तुओं के भाव स्थिर नहीं रहते हैं । सट्टे के व्यापारियों के लिए उक्त प्रकार का निमित्त विशेष लाभ सूचक है । यदि पूर्वार्ध भाग में उक्त तिथि को उत्तरीय वायु चले और उत्तरार्ध में अन्य किसी भी दिशा की वायु चलने लगे तो जिस प्रदेश में यह निमित्त देखा गया है, उस प्रदेश के दोदो सौ कोश तक अनाज का भाव सस्ता तथा वस्त्र को छोड़ अवशेष सभी वस्तुओं का भाव भी सस्ता ही रहता है । केवल दो महीने तक वस्त्र तथा श्वेत रंग के पदार्थों के भाव ऊँचे चढ़ते हैं तथा इन वस्तुओं की कमी भी चाँदी और अन्य प्रकार की खनिज धातुओं का मूल्य प्रायः सम निमित्त के दो महीने के उपरान्त सोने के मूल्य में वृद्धि होती है, यद्यपि कुछ ही दिनों के पश्चात् पुनः उसका मूल्य गिर जाता है । पशुओं का मूल्य बहुत बढ़ जाता है । गाय, बैल और घोड़े के मूल्य में पहले से लगभग सवाया अन्तर आ जाता है । यदि आषाढ़ी पूर्णिमा की रात में ठीक बारह बजे के समय दक्षिणीय वायु चले तो उस प्रदेश में छ: महीनों तक अनाज की कमी रहती है और अनाज का मूल्य भी बहुत बढ़ जाता है । यदि उक्त तिथि की मध्यरात्रि में उत्तरीय हवा चलने लगे तो मसाला, नारियल, सुपाड़ी आदि का भाव ऊँचा उठता है, अनाज सस्ता होता है । सोना, चांदी का भाव पूर्ववत् ही रहता है । यदि श्रावण कृष्णा प्रतिपदा को सूर्योदय काल में पूर्वीय हवा, मध्याह्न उत्तरीय, अपराह्न में पश्चिमीय हवा और रहती है । सोना, रहता है । इस
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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