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________________ विमुख करता है, वंचित करता है। यह उस अनन्त सुख में बाधक बनता है, उसे प्रकट नहीं होने देता है। अतः विषय-सुख का भोग किसी कर्म के क्षयोपशम या क्षय का फल नहीं है, इसके विपरीत घातिकर्म, अशुभ कर्म चारित्र मोहनीय के उदय का परिणाम है। जिसके साथ आदि से अंत तक पराधीनता, आकुलता, अशान्ति, शक्तिक्षीणता, आर्त्तध्यान आदि दोष व दुःख जुड़े हुए हैं। घाती कर्म के क्षयोपशम तथा क्षय से आत्मिक गुण प्रकट होता है, न कि विषयभोग, उपभोग आदि आत्मिक दोष, विकार व दुःख । विषयों के भोग, उपभोग आदि दोषों को गुण मानना, शुभ कर्म का परिणाम मानना भूल है, मिथ्यात्व है। अन्तराय कर्म का मोहनीय कर्म के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है। कारण कि अन्तराय मोह का परिणाम या फल है। मोह के कारण 1. विषय सुखों में सहायता प्राप्त करने की 2. वस्तुओं को पाने की 3. सुख भोगने की 4. सुख को बनाये रखने की तथा प्रवृत्ति करने की इच्छा पैदा होती है। अन्तराय कर्म की पांचों प्रकृतियाँ मोह की ही देन हैं। अतः मोह के बंध के रुकने के साथ इनका भी बंध रुक जाता है। मोह के उदय की न्यूनाधिकता के साथ इनका भी उदय न्यूनाधिक होता रहता है। जैसे वृक्ष के अभाव में फल नहीं लगता ऐसे ही मोहनीय के अभाव में अन्तराय रूप फल नहीं लगते हैं। घाती कर्मों का पारस्परिक सम्बन्ध एवं अन्तराय कर्म ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अन्तराय इन चारों घाती कर्मों का पारस्परिक घनिष्ठ सम्बन्ध है। इनमें से किसी भी एक कर्म का क्षयोपशम, उदय और बंध होते ही शेष तीनों कर्मों का क्षयोपशम, बंध और उदय प्रायः स्वतः होने लगता है। इन चारों कर्मों के क्षयोपशम का सम्बन्ध | राग-द्वेष, मोह की कमी के साथ है। जितनी राग-द्वेष-मोह की कमी होगी उतना ही चारों कर्मों का क्षयोपशम होगा। यथा- मोह घटेगा तो विकल्प घटेंगे। विकल्प के घटने से दर्शनावरण का क्षयोपशम होगा, कारण कि निर्विकल्पता ही दर्शन है। विकल्प घटने से चित्त शान्त होगा, चित्त जितना शान्त होगा उतना ही विवेक एवं ज्ञान का प्रकाश प्रकट होगा, ज्ञान का आवरण घटेगा और ज्ञान का प्रभाव प्रकट होगा। अर्थात् ज्ञानावरण का क्षयोपशम होगा। मोह-राग-द्वेष के घटने से वस्तुओं को पाने की कामना 220 अन्तराय कर्म
SR No.023113
Book TitleBandhtattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2010
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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