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________________ जीवन पूरा कर देता है तथा मृत्यु आने के क्षण तक भी वह सुख व तृप्ति से वंचित रहता है। इसलिए मोहकर्म पर विजय प्राप्त करना आवश्यक है। मोह को आठों कर्मों के सेनापति की उपमा दी जाती है, अतः जो इसे जीत लेता है वह समस्त कर्मों की सेना को जीत लेता है अर्थात् समस्त कर्मों का क्षय करने में समर्थ हो जाता है। कर्म-बंध का मूल मोहकर्म ही है, क्योंकि बंधहेतु-मिथ्यात्व, अविरति, प्रमाद एवं कषाय मोहकर्म के ही विविध रूप हैं। मोहनीय कर्म के मूलतः दो प्रकार हैं- 1. दर्शन मोहनीय और 2. चारित्र मोहनीय । दर्शन मोहनीय श्रद्धा, विश्वास, आस्था या मान्यता को दर्शन कहते हैं। जब हमारी श्रद्धा, मान्यता मोहयुक्त हो तो उसे दर्शन मोहनीय कहते हैं। इससे जीव में स्वरूप, स्वभाव, साध्य, साधन, सिद्धि व साधक के विषय में विपरीत धारणाएँ उत्पन्न हो जाती हैं। दर्शन मोहनीय के तीन प्रकार हैं- 1. मिथ्यात्व मोहनीय 2. सम्यक्त्व मोहनीय और 3. मिश्र मोहनीय। मिथ्यात्व मोहनीय - अविनाशी, सत्य, तत्त्व के प्रति श्रद्धा न होना और विनाशी, अध्रुव, अनित्य पदार्थों व भोगों के प्रति श्रद्धा होना मिथ्यादर्शन या मिथ्यात्व मोहनीय है। इसके विपरीत ध्रुव व सत्य तत्त्व के प्रति श्रद्धा होना सम्यग्दर्शन है। जैन वाङ्मय में मिथ्यात्व मोहनीय को संक्षेप में मिथ्यात्व कहा है। मिथ्यात्व के दश प्रकार निरूपित है। मिथ्यात्व के दश प्रकार स्थानांग सूत्र के दशवें स्थान में मिथ्यात्व दश प्रकार का निरूपित है- 1. अधर्म को धर्म श्रद्धना 2. धर्म को अधर्म श्रद्धना 3. उन्मार्ग को सन्मार्ग श्रद्धना 4. सन्मार्ग को उन्मार्ग श्रद्धना 5. अजीव को जीव श्रद्धना 6. जीव को अजीव श्रद्धना 7. असाधु को साधु श्रद्धना 8. साधु को असाधु श्रद्धना 9. अमुक्त को मुक्त श्रद्धना और 10. मुक्त को अमुक्त श्रद्धना। यहाँ इन पर क्रमशः संक्षिप्त प्रकाश डाला जा रहा है(1-2) अधर्म को धर्म और धर्म को अधर्म श्रद्धना जीव का स्वभाव धर्म है और पर के संयोग से उत्पन्न हुई विभाव दशा अधर्म है। 'पर' वह है जिसका वियोग हो जाये, जो सदा साथ न दे, धोखा दे जाये। इस दृष्टि से संपत्ति, संतति, सत्ता, इन्द्रियाँ आदि संसार की 112 मोहनीय कर्म
SR No.023113
Book TitleBandhtattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2010
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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