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________________ [४२२] रसार्णवसुधाकरः यथा बालरामायणे सप्तमावस्यादौ(तत्रः प्रविशति वैतालिकः कर्पूरचन्द्रः समन्तादवलोक्यनेपथ्यं प्रति) वैतालिक: भद्र! चन्दनखण्ड! परित्यज निद्रामुद्राम्! विमुञ्च निजोटजाभ्यन्तरम् । (नेपथ्य) अय्य! कपूरचंड! एसा मिट्ठा पभादणिहा। सुविस्सं दाव (आर्य कर्पूरचण्ड। एषा मिष्टा प्रभातनिद्रा। स्वप्स्यामि तावत्)। कर्पूरचण्ड:- अहो! उत्साहशक्तिर्भवतोऽमन्त्रशीलो महीपतिरपरप्रबन्धदर्शी कविरपाठसचिव बन्दी न चिरं नन्दति। (नेपथ्ये) ता एत्य संत्थरस्थिदो णिमीलिदणअणो जेव्व सुप्पभादं पठिस्सं (तदत्र संस्तरस्थितो निमीलितनयन एव सुप्रभातं पठिष्यामि । कर्पूरचण्ड:- एतदपि भवतो भूरि। तदुपश्लोकयावो रामभद्रम्। (किञ्चिदुच्चैः) मार्तण्डैककुलप्रकाण्डतिलकस्त्रैलोक्यरक्षामणि. विश्वामित्रमहामुनेर्निरुपधिः शिष्यो रघुग्रामणीः । रामस्ताडितताटकः किमपरं प्रत्यक्षनारायणः कौसल्यानयनोत्सवो विजयतां भूकाश्यपस्यात्मजः ।।(7/3)638।। (नेपथ्ये) कन्दप्पुद्दामदप्पप्पसमणगुरुणो ब्रह्मणो कालदण्डे पाणि देंतस्स गंगातरलिदससिणो पव्वईवल्लहस्स । चावं चंण्डाहिसिञ्जारवहरिदणहं . कर्षणारुद्धमज्झं जं भग्गं तस्य सद्दो णिसुणिति हुअणे वित्थरन्तोणमाई ।।(7.4)639।। (कन्दर्पोद्दामदर्पप्रशमनगुरोर्ब्रह्मणः कालदण्डे पाणिं दातुर्गङ्गातरलितशशिनः पार्वतीवल्लभस्य । चापं चण्डाभिशिञ्जारवभरितनभः कर्षणारुद्धमध्यं यद् भग्नं तस्य शब्दो निःश्रूयते भुवने विस्तरन् न भाति ॥) अत्र प्रविष्टेन कर्पूरचण्डेन यविनिकान्ततिन चन्दनचण्डेन च पर्यायप्रवृत्तवाग्विलासैस्ताटकावधादिविभीषणाभयप्रदानान्तस्य रामभद्रचरितस्य बाहुल्यात् प्रयोगानुचितस्य सूचनादियं खण्डचूलिका। जैसे बालरामायण के सप्तम अङ्क के प्रारम्भ में(तत्पश्चात् वैतालिक कपूरचन्द्र प्रवेश करके चारों ओर देखकर नेपथ्य की ओर) वैतालिक- हे भद्र चन्दनचण्ड! निद्रा छोड़ो! अपनी कुटी से बाहर आओ। (नेपथ्य में) आर्य कर्पूरचन्द्र! यह प्रभात निद्रा मधुर है अत: सो रहा हूँ। कर्पूरचण्ड- आप की उत्साह-शक्ति धन्य है। मन्त्रणाविहीन राजा, दूसरे का काव्य देखने वाला कवि और पाठ में अरुचि रखने वाला चारण चिरकाल तक प्रसन्न नहीं रह सकते। (नेपथ्य में) तो यह विस्तर पर पड़ा हुआ और आँखे बन्द किये हुए ही प्रभात पढूंगा। कर्पूरचण्ड- यह भी आप के लिए
SR No.023110
Book TitleRasarnavsudhakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJamuna Pathak
PublisherChaukhambha Sanskrit Series
Publication Year2004
Total Pages534
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size31 MB
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