SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 388
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५१ नामचतुष्टयाध्याये तृतीयो युष्मत्पादः [क० च०] न पादा० । ननु युष्मदस्मदादीनां विवरणं पर्यवसितार्थकथनम्, वस्तुतस्तु प्रकृतत्वाद् युष्मदस्मदोरेवानुवृत्तिरेतत्प्रकरणविहितं कार्यं निषिध्यते । न च त्वामा एवेति, पृथग्योगात् । पादादाविति किमिति वृत्तिः । नादावित्यास्तामित्यर्थः । एतेन यत् किञ्चित् पदापेक्षया आदित्वे ‘पान्तु वो नरसिंहस्य' इत्यादौ निषेधः स्यादिति पादग्रहणम् | पादस्येत्यास्ताम् इति हेमकरः । चतुर्भाग इति । चतुर्थश्चासौ भागश्चेति । समासे पूरणप्रत्ययस्य लोप इति वियानन्दः ।अन्यस्तु चतुर्थो भागश्चतुरित्युपचारात् । कर्दमारुणा इति । ननु कर्दमे कथम् अरुणवर्णत्वम् ? सत्यम् । विवर्णभावे सति स्यादिति केचित् । वियानन्दस्त्वाह - प्रायेण लाङ्गलकोट्यां पङ्के शुद्ध रक्तत्वं लाङ्गलकोट्या भवतीति ।।२२५। [समीक्षा] 'युष्माकं कुलदेवता, अस्माकं पापनाशनः' में द्वितीय तथा चतुर्थ पाद में पठित 'युष्माकम् - अस्माकम्' के स्थान में 'वस्- नस्' आदेशों का निषेध कातन्त्रकार तथा पाणिनि दोनों ही शाब्दिकाचार्यों ने किया है । कातन्त्रकार ने 'वस्- नस्' आदि आदेशों का विधान करने के अनन्तर प्रकृत सूत्र से पाद के आदि में उनका निषेध किया है, जबकि पाणिनि उक्त आदेशों का विधान ही अपादादि में करते हैं – “अनुदात्तं सर्वमपादादौ" (अ० ८।१।१८)। [रूपसिद्धि] १. युष्माकं कुलदेवता । 'युष्मद्' शब्द से षष्ठीविभक्ति - बहुवचन ‘आम्' प्रत्यय में निष्पन्न 'युष्माकम्' शब्द के स्थान में "युष्मदस्मदोः पदं पदात् षष्ठीचतुर्थीद्वितीयासु वस्नसौ" (२।३।१) सूत्र द्वारा ‘वस्' आदेश प्राप्त होता है, परन्तु पाद के आदि में पठित होने के कारण प्रकृत सूत्र से उसका निषेध हो जाता है | २. अस्माकं पापनाशनः । 'अस्मद्' शब्द के षष्ठी - बहुवचनान्त रूप 'अस्माकम' शब्द के स्थान में (२।३।१) सूत्र से प्राप्त 'नस्' आदेश का प्रकृत सूत्र द्वारा निषेध ||२२५|
SR No.023087
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 02 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year1998
Total Pages630
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy