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________________ ३० कातन्त्रव्याकरणम् में पढ़ा है | सम्प्रति उपलब्ध धातुपाठ में इन गणों की समाप्ति के अवबोधार्थ जो "वृत्" पाठ किया गया है, वह कात्यायन ने ही किया होगा | ___मनोरमा टीका के अनेक वचनों से यह भी सिद्ध होता है कि दुर्गसिंह ने शार्ववर्मिक धातुपाठ का परिष्कार किया था तथा अपनी वृत्ति भी लिखी थी । जैसे - "दुर्गसिंहस्त्वमूनेकयोगं कृत्वा वैक्लव्ये पठति, नाह्वानरोदनयोः" ('कद-क्रद आह्वाने रोदने च' १।४९९)। "दन्दशनमिह दन्तशूककर्तृका क्रियाऽभिधीयते इति दुर्गसिंह-व्याख्यानाद् दन्दशन इति पाठोऽनुमीयते" (मनोरमा, खर्द दशने १।२०) । तिब्बती विद्वान् इसे कलापधातुसूत्र और धातुकाय कहते हैं । इस धातुपाठ पर दुर्गसिंहद्वारा रचित वृत्ति को ‘गणवृत्ति' भी नाम दिया गया है । आचार्य त्रिलोचन ने भी इस पर कोई वृत्ति लिखी थी (द्र०, मनोरमा १।६०, १८०, ५२२; २ । ३५) । त्रिलोचनकृत वृत्ति को धातुपारायण कहते हैं । इसे कातन्त्रगणमाला भी नाम दिया गया है। रमानाथ शर्मा ने मनोरमा नामक वृत्ति लिखी है, परन्तु यह शर्ववर्मकृत धातुपाठ पर आधारित नहीं है, ऐसा रमानाथ के अनेक वचनों से ज्ञात होता है । जैसे - "चुरादेश्च" (३।२।११) सूत्र पर टीकाकार ने युजादिगण में 'युज्' से लेकर 'प्री' तक ४२ धातुएँ मानी हैं, जबकि वर्तमान धातुपाठ में 'दृभ' सन्दर्भे यह एक धातु अधिक प्राप्त होती है। इससे प्रतीत होता है कि शार्ववर्मिक धातुपाठ में ४२ ही धातुएँ रही होंगी । उपलब्ध धातुपाठ में कुछ वचन ऐसे भी प्राप्त होते हैं, जिनसे यह कहा जा सकता है कि इसमें दुर्गसिंह के सभी मतों का वधार्थ पालन नहीं किया गया है । संभवतः परवर्ती व्याख्याकारों ने इसमें कुछ अपने निवेश-प्रवेश किए होंगे। रमानाथ के कथन से यह जाना जाता है कि उनसे पूर्व अनेक आचार्यों ने कलापधातुपाठ के व्याख्यान किए थे, परन्तु उनके व्याख्यानों में धातुओं का निश्चय नहीं किया जा सका। अतः उनके निश्चयार्थ मैनें इस पर टीका लिखी है प्रायेण धातुवैषम्यात् सर्वेषां घूर्णते शिरः। या तक्रियायै प्रभवेत् सैव वृत्तिर्मनोरमा ॥ भूरि सूरिकृता वृत्तिर्भूयसी युक्तयुक्तिका । निश्चेतुं धातवस्तस्यां न शक्यास्तेन मे श्रमः।
SR No.023086
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year1997
Total Pages452
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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