SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशकीय - निवेदन प० पू० गच्छाधिपति आचार्यश्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजी म० नी निभ्रामां वि० सं० २०१० वर्षे आगमोद्धारकग्रन्थमालानी स्थापना था हती. आ ग्रन्थमालाए त्यारबाद प्रकाशनोनी ठीक ठीक प्रगति करी छे. सूरीश्वरजीनी पुण्यकृपाए ' कर्मार्थ- सूत्र' नामनो ग्रन्थ आगमोद्धारक प्रथमालाना ५४ मा रत्न तरीके प्रसिद्ध करतां अमोने अत्यंत हर्ष थाय छे. आनी प्रेस कोपी तथा संशोधन पू० गच्छाधिपति आचार्यश्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजी म० नी पवित्र दृष्टि नीचे शतावधानी पंन्यास श्रीलाभसागरजी गणिए करेल छे. ते बदल तेओभीनो तथा जैनानंद प्रिंटिंग प्रेसना मालिक शा. मोहनलाल बदामीए वगर वेतने मुद्रण करी आप्युं ते बधानो आभार मानीए छीए. ली० प्रकाशक
SR No.023037
Book TitleKarmarth Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabhsagar Gani
PublisherAgamoddharak Granthmala
Publication Year1973
Total Pages98
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy