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________________ 374 हेमचन्द्र के अपभ्रंश सूत्रों की पृष्ठभूमि मध्यम०- सि, हि, हिं हु, ह, इद्धा अन्य०- इ, दि, एदि, ए हिं, न्ति, न्ते, इरे एकवचन बहुवचन उत्तम०-1. करउँ, करमि, करिमि, करेमि करहुँ, करिमु करेवि (म को व) करु। (हे08/4/386) करिमो, करिम। मध्यम०-2. करसि, करहि, करहिं करहु, करह, करिद्धा (करेसि)। (एलडी० 4,53 डॉ० तगारे $136) अन्य०- 3. करइ, करेइ, करदि करन्ति (हे० 4/382) (हे08/4/393) करेदि। करहिँ (हे०4/382) करन्ते, करिरे। पूर्वोक्त तिङन्त प्रत्यय चिहों का स्पष्टीकरण हम पालि तथा प्राकृत के प्रत्यय चिहों से कर सकते हैं। पालि एकवचन उत्तम०-1. आमि (< प्रा० भा० आo-आमि) मध्यम०-2. असि (< प्रा० भा० आo-असि) अन्य०- 3. अति (< प्रा० भा० आ०-अति) बहुवचन आम (< प्रा० भा० आ० - आमः, आमो) अथ (< प्रा० भा० आo - अथ) अन्ति (< प्रा० भा० आ० -- अन्ति)
SR No.023030
Book TitleHemchandra Ke Apbhramsa Sutro Ki Prushthabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamanath Pandey
PublisherParammitra Prakashan
Publication Year1999
Total Pages524
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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