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________________ 268 हेमचन्द्र के अपभ्रंश सूत्रों की पृष्ठभूमि 9. एल० पी० तेस्सितोरी, नामवर सिंह द्वारा अनूदित पुरानी राजस्थानी पृ० 24 10. स्वरस्योवृत्ते 8/1/8 11. क ग च ज त द प य वा नां प्रायो लुक 8/1/177 12. पा०-आद्गुणः 6/1/84 13. पा०-अकः सवर्णे दीर्घः 6/1/97 14. पा०-एडि. पररूपम् 6/1/91 15. पाo--एचोऽवायावः 6/1/75 16. एल० पी० तेस्सि तोरीः नामवर सिंह द्वारा अनूदित पुरानी राजस्थानी पृ० 271 17. क ग च ज त द प य वां प्रायो लोपः-प्राकृत प्रकाश 2/2 18. ख घ थ ध फ भां हः-प्रा० प्र० 2/27 19. क ग च ज त द प य वाँ प्रायोलुक्-हेम० 8/1/177 20. लुप्त य र व श ष स दीर्घः-हे0 8/1/43 21. ख घ थ ध फ भां हः-हे0 8/1/187 22. प्राकृत पैंगलम् भाग 2, पृ० 161-डा० भोलाशंकर व्यास । 23. डा० भोला शंकर व्यास-प्रा० पैं०-भाग 2 ब्लॉक एल-लण्डो आर्यन पृ० 61-64 (अपभ्रंश पाठावाली से उद्धृत) 25. पिशेल प्राकृत भाषाओं का व्याकरण पृ० 382 बिहार राष्ट्रभाषा परिषद। 26. पिशेल प्राकृत भाषाओं का व्याकरण पृ० 241 27. पिशेल प्राकृत भाषाओं का व्याकरण पृ० 384 बिहार राष्ट्रभाषा परिषद। 28. अभूतोऽपि क्वचित् । हे० 8/4/399 अपभ्रंशे क्वचिदविद्यमानोऽपि रेफो भवति। 29. पं० बेचर दास प्राकृत भाषा पृ० 48-49
SR No.023030
Book TitleHemchandra Ke Apbhramsa Sutro Ki Prushthabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamanath Pandey
PublisherParammitra Prakashan
Publication Year1999
Total Pages524
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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