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________________ *********: चातुर्मास - गीत **** **** [चयिता - शाह हस्तिमल खीमराज कोठारी, सादडी (मारवाड) ***** देशना मधुरी जाणी, सूत्र विपाक सुनाया, ...... [ रखिया बंधावा भैया, श्रावण आया रे. ... ए रागमां ] गुरुवर सुशीलविजयजी, सादडी पधारीया रे.... ( टेक. ) सादडी पधार्या रे, चौमासा ढाया रे, आनंद रंग जमाया, सादडी पधारीया रे. गुरुवर० (१) सुनी है श्रोता वाणी; . सादडीं . पधारोया रे. गुरुवर० (२) अष्ठ महासिद्धितप, नवकार पंचरंगी तप; अक्षयनिधि समरादित्य चरित्र माना; भावनाधिकारे जाना, वैराग्य वाही सुनाया, सादडी पधारोया रे. गुरुवर० ३ (३) कराया, साइडी पधारीया रे. गुरुवर० (४) सुपना, पारणा केरी, हुही है। आय' भलेरी; पर्व पर्युषण : मांडे, "सादडी पधारीयाः रे. गुरुवर० (५) भट्ठाइ महोत्सव चित्ते, सूरी लावण्य निमित्ते; शान्तिस्नात्र " कराया, सादडी पधारीयादे गुरुवर ( ; .
SR No.023013
Book TitleSthavar Jivni Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushilvijay
PublisherGyanopasak Samiti
Publication Year1965
Total Pages98
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size10 MB
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