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________________ hco tuo रूस के प्रसिद्ध विद्वान नावलिस्ट और संसार के प्रसिद्ध वैज्ञानिक टालस्टाय ने मांस के सम्बन्ध में अपने विचार इस प्रकार प्रकट किये हैं : क्या मांस खाना अनिवार्य है ? कुछ लोग कहते हैं यह अनिवार्य तो नहीं लेकिन कुछ बातों के लिए जरूरी है। मैं कहता हूँ यह जरूरी नहीं । जिन लोगों को इस बात पर संदेह हो, वह बड़े बड़े विद्वान डाक्टरों की पुस्तकें पढें जिनमें यह दिखाया गया है कि मांस का खाना मनुष्य के लिये आवश्यक नहीं। ___ मांस खाने से पाशविक प्रवृत्तियां बढती हैं, काम उत्तेजित होता है, व्यभिचार करने और मदिरा पीने की इच्छा होती है। इन सब बातों के प्रमाण सच्चे शुद्ध सदाचारी नवयुवक हैं, विशेष कर लिया और जवान लड़कियां जो इस बात को साफ साफ कहती हैं कि मांस खाने के बाद काम की उत्तेजना और पाशविक प्रवृ. त्तियां आप ही आप प्रबल होजाती हैं, मांस खाकर सदाचारी बनना असम्भव है। हमारे जीवन में सदाचारी और उपकारी जीवन के पहिले जीने की तह में अर्थात् हमारे भोजन में इतनी असभ्य और पापपूर्ण चीजें घुस गई हैं और इस पर इतने कम आदमियों ने विचार किया है कि हमारे लिए इस बात को समझना ही असम्भव होरहा है कि गोश्त रोटी खाकर आदमी धार्मिक या सदाचारी कदापि नहीं हो सकता।
SR No.022991
Book TitleManav Bhojya Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherKalyanvijay Shastra Sangraha Samiti
Publication Year1961
Total Pages556
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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