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________________ ( १६३ ) २-रोहिणी नक्षत्र के दिन शशमांस अर्थात् लोध्र से बनाया हुआ पक्वान्न खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। ३-मृगशीर्ष नक्षत्र को कस्तूरी मिला पक्कान खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। ४-आर्द्रा नक्षत्र को मक्खन के साथ भोजन करके कार्य सिद्ध करते हैं। ५-पुनर्वसु के दिनघृत के साथ खाना खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। ६-पुष्प के दिन दूध के साथ भोजन करके कार्य सिद्ध करते हैं। ७-अश्लेषा के दिन केशर मिश्रित पक्वान्न खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। -८–मघा के दिन कसोंजी मिश्रित खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। ६-पूर्वा फाल्गुनी के दिन जीवक नामक शाक मिश्रित पक्वान्न खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। १०-उत्तरा फाल्गुनी के दिन नखी नामक सुगन्धित द्रव्य मिश्रित पक्वान्न खाकर कार्य सिद्ध करते हैं । ११-हस्त नक्षत्र के दिन अजमोदा को चबा कर भोजन करके कार्य सिद्ध करते हैं। १२-चित्रा के दिन मंग की दाल के साथ भोजन कर कार्य सिद्ध करते हैं। १३–स्वाति को फल खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। १४-विशाखा को खाजे खाकर कार्य सिद्ध करते हैं। १५-अनुराधा को खीचडी खाकर कार्य सिद्ध करते हैं।
SR No.022991
Book TitleManav Bhojya Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherKalyanvijay Shastra Sangraha Samiti
Publication Year1961
Total Pages556
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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