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________________ भासि | विदुषि भास्सु [4] पूटती विगतो :म.| द्विष् | प्रावृष् | चन्द्रमस् | पयस् | भास् | विद्वस् | अप्सरस् | विद्वस् | श्रेयस् 1| द्विषि | प्रावृषि | चन्द्रमसि | | पयसि अप्सरसि| विदुषि | श्रेयसि 2 | द्विट्सु | प्रावृट्सु | चन्द्रमस्सु | पयस्सु | विद्वत्सु अप्सरस्सु विद्वत्सु |श्रेयस्सु 3 द्विट-इ प्रावृट-इ चन्द्रमाः | पयः भाः विद्वान् अप्सराः। विद्वत् | श्रेयान् 4 / द्विषौ । प्रावृषौ | चन्द्रमसौ | भासौ विद्वांसौ अप्सरसौ। विदुषी श्रेयांसौ 51 द्विषः | प्रावृषः |चन्द्रमसः | पयांसि | भासः | विद्वांसः | अप्सरसःविद्वांसि |श्रेयांसः [5] फूटती विगतो : [3] पाली ४यान। वषो : 1. उपानत् - द् 2. मधुलिड्भ्याम् 3. अप्सरोभ्यः 4. आयुषा 5. भासे 6. दिशम् 7. धनुषी 8. आशीष्षु 9. पयः ! [6] शमहिर : नं.विमति/ दिश् | धनुष् | आशिष् | आयुष् | श्रेयस् | मधुलिह् | कामदुह् | कामदुह् | उपानह् | | आयुः । श्रेयः | मधुलिट्-ड् कामधुक्-ग्| कामधुक् | उपानत्-द् 2/2 | दिशौ | धनुषी | आशिषौ | आयुषी | श्रेयसी | मधुलिहौ | कामदुहौ | कामदुही | उपानही 3/3 | दिग्भिः | धनुर्भिः | आशीभिः | आयुर्भिः | श्रेयोभिः | मधुलिभिः | कामधुग्भिः | कामधुग्भिः | उपानद्भिः 4/1 | दिशे | धनुषे | आशिषे | आयुषे | श्रेयसे | मधुलिहे | कामदुहे | कामदुहे | उपानहे | दिग्भ्याम् | धनुर्ध्याम् | आशीर्ध्याम् | आयुर्ध्याम् श्रेयोभ्याम् मधुलिड्भ्याम् | कामधुग्भ्यां | कामधुग्भ्यां | उपानद्भ्यां आशीः धनुः 1/1 |दिक्-ग् વચન न ८७ ध । न । स्य | DI In | भ | ग | व | तां ** स२६ संस्कृतम् - 3 .४४ . 0416-१/२१
SR No.022983
Book TitleSaral Sanskritam Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size21 MB
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