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________________ wwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww ( १९६) नवपद विधि विगेरे संग्रह ॥ ॥श्री सिद्धचक्राराधक भव्यजीवनां कर्तव्यो !!!॥ १ श्री अरिहंतपदाराधन-प्रतिमाजीभराववा,जीर्णोद्धारो कराववां, अंजनशलाका,प्रतिष्ठाओ कराववी, आंगी, पूजा, महोत्सव करवा विगेरे श्री अरिहंत भक्ति. २ श्री सिद्धपदाराधन--सिद्ध प्रतिमाओ भराववी, तेमनी अंजनशलाका, प्रतिष्ठा, आंगी, पूजा, महोत्सव करवा विगेरे श्री सिद्धभक्ति. ३ श्री आचार्यपदाराधन-श्री आचार्य भगवंतनी भक्ति विनय, वेयावच्च करवू, द्वादशावर्त वन्दन करवू, अशन पान खादिम स्वादिम वस्त्र पात्र वसति आदि पडिलाभवा, आचार्यपदप्रतिष्ठा कराववी. आचार्यना सामैया विगेरे सन्मान करवो. विगेरे. ४ श्री उपाध्यायपदाराधन-श्री उपाध्यायजी भगवंतनी भक्ति विनय वेयावच्च करवा भणवा भणाववाने तमाम अनुकूलता करी आपबी, उपाध्यायपद प्रतिष्ठा, सामैयु आदि सन्मान करवू विगेरे. ५ श्रीसाधुपदाराधन-श्रीपंचमहाव्रतधारी मोक्षमार्ग सा
SR No.022958
Book TitleNavpadmay Siddhachakra Aradhan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayodaysuri
PublisherManeklalbhai Mansukhbhai
Publication Year
Total Pages416
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size21 MB
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