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________________ मुजफ्फरनगर के सुमतप्रसाद जैन ने 1920 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करके देश सेवा का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। 1923-26 तक श्री जैन मुजफ्फरनगर नगर पालिका के चेयरमैन रहे । 72 उसके बाद 1937-40 तक श्री जैन जिला ग्रामीण विकास संघ के चेयरमैन रहे । 1946 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद् का सदस्य चुना गया। श्री जैन तीनों आन्दोलनों में जेल गये तथा प्रान्त में कांग्रेस को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया। आजादी के बाद 1952 में वे राज्यसभा सदस्य तथा 1957 में लोकसभा के सदस्य चुने गये । 73 सहारनपुर के बाबू अजितप्रसाद जैन ने देश के राजनीतिक क्षेत्र में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। जेल की लम्बी यात्रा करने के साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को समय-समय पर अपना मार्गदर्शन भी दिया । 74 1937 तथा 1946 में श्री जैन उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गये। उन्होंने उ. प्र. में जमींदारी उन्मूलन कमेटी में रहकर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई । ” आजादी के बाद अजित प्रसाद जैन 1947-50 तक संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य, 1950-52 तक प्रोविजनल पार्लियामेंट के सदस्य। 1952, 1957 एवं 1962 में लोकसभा सदस्य, 1950-54 तक केन्द्रीय राहत और पुर्नवास एवं 1954-59 तक केन्द्रीय खाद्य एवं कृषि मंत्री जैसे पदों पर रहकर देश के राजनीतिक विकास में सहभागी बने । " 1965 में श्री जैन केरल के राज्यपाल, 1968 में राज्यसभा सदस्य आदि पदों पर भी कार्यरत रहे । 7 देवबन्द (सहारनपुर) निवासी श्रीमती लेखवती जैन ने अम्बाला में रहकर राष्ट्रीय क्षेत्र में सरोजनी नायडू के समान कार्य किया । " 1933-37 तक वे पंजाब विधान परिषद् की पहली महिला एम. एल. सी. रही। बाद में वे लम्बे समय तक पंजाब विधान सभा की डिप्टी स्पीकर भी रही । 79 बिजनौर के बाबू रतनलाल जैन एवं नेमिशरण जैन ने भी आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक पदों पर कार्य किया । रतनलाल जैन 1937-1940 तक विधान परिषद् सदस्य रहे । जिला कांग्रेस कमेटी के वे लगातार 8 वर्षो तक अध्यक्ष बने रहे। आजादी के बाद 1952 में वे उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य बने । " बाबू नेमिशरण जैन 1923 व 1926 में उ.प्र. विधान परिषद् के सदस्य, 1937-40 तक जिला ग्रामीण विकास संघ बिजनौर के चेयरमैन तथा आजादी के बाद 1950 में प्रोविजनल पार्लियामेंट तथा 1952 में प्रथम लोकसभा के सदस्य चुने गये । " आगरा के सेठ अचल सिंह जैन 1921-24 तक म्यूनिसिपल बोर्ड आगरा के वाईस चेयरमैन, 1924 में उ.प्र. विधान परिषद् सदस्य, 1937 व 1946 में उ.प्र. विधान सभा सदस्य तथा आजादी के बाद 1952-1977 तक लगातार 5 बार उत्तरप्रदेश के जैन समाज... :: 39
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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