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________________ संस्कृत भाषा की उन्नति हेतु कार्य किया। वर्तमान में इस महाविद्यालय के भवन में जैन समाज द्वारा 'ऋषभ इण्टर कॉलेज' चलाया जाता है। ज आगरा के जैन समाज ने लहान 1933 में 'आगरा दिगम्बर परिषद्' श्रीमतीबी.डी.जैन गर्ल्स डिग्रीकालेज तथा 1941 में श्री दिगम्बर जैन शिक्षा समिति की स्थापना की। इन संस्थाओं द्वारा आगरा में कई शिक्षण संस्थाओं, धर्मशालाओं, शोधसंस्थान और औषद्यालय आदि का निर्माण कराया गया। जैन समाज द्वारा संचालित इन संस्थाओं में श्री महावीर दिगम्बर जैन इण्टर कॉलेज अपना विशेष स्थान रखता है। यह इण्टर कॉलेज माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर आगरा का श्रेष्ठ कॉलेज माना जाता है। ___ आगरा के सेठ अचलसिंह ने अनेक प्रकार से समाज की सेवा की। 1928 में उन्होंने ग्रामीण जनता की सेवा के लिए 'अचल ग्राम सेवा संघ' की स्थापना की। इस संघ के द्वारा उन्होंने गरीब किसान भाइयों के दुःखों को दूर करने के लिए अनेक कार्य किये। उन्होंने इस संस्था के माध्यम से विभिन्न गाँवों की उन्नति हेतु भी कार्य किया। सेठ अचलसिंह ने 1935 में एक लाख रुपये की राशि से 'अचल ट्रस्ट' की स्थापना की। इस ट्रस्ट का विधिवत् उद्घाटन 3 नवम्बर 1935 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री पं. गोविन्द वल्लभ पंत की अध्यक्षता में जसवन्त पिक्चर पैलेस आगरा में श्री श्रीप्रकाश द्वारा हुआ था। अचल ट्रस्ट के द्वारा पुस्तकालय खुलवाना, वाचनालय स्थापित करना, पाठशालाएँ खुलवाना, योग्य विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देना, उपयोगी पुस्तकें लिखवाकर प्रकाशित करना कराना, औषधालय और अस्पताल स्थापित करना, रोगियों को मुफ्त या कम मूल्य पर दवा देना, निराश्रित एवं दुखियों की सहायता करना, देशोपकारी तथा राष्ट्रीय उन्नति के कार्यों में आर्थिक मदद करना आदि कार्य किये गये। इस ट्रस्ट का एक विशाल भवन आगरा के बेलनगंज में स्थापित किया गया, जिसका नाम 'अचल भवन' रखा गया। इस भवन में एक पुस्तकालय एवं वाचनालय भी स्थापित किया गया। जिम सेठ अचलसिंह ने 1941 में अपनी पत्नी श्रीमती भगवती देवी जैन के नाम पर बी.डी. जैन कन्या विद्यालय का प्रारम्भ किया। यह विद्यालय आगरा में 'श्रीमती भगवती देवी जैन कन्या विद्यालय इण्टरमीडिएट कॉलेज, आगरा छावनी' के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने इण्टर कॉलेज के साथ ही अपने निजी भवन 32ए, गार्डन रोड कायाग का उत्तरप्रदेश के जैन समाज... :: 35
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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