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________________ थे। हर वर्ष इसका परीक्षाफल 93.25 प्रतिशत रहता था। 28. जेनइन्टरकॉलिज 12.43 को इस कॉलेज के छात्रावास का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के गवर्नर साहब बहादुर द्वारा हुआ था। 28.10.1943 तक बड़ौत जैन समाज ने इस छात्रवास के लिए 50,000 का चन्दा एकत्रित किया।26 दिगम्बर जैन कॉलेज शीघ्र ही डिग्री कॉलेज महलका स्थित जैन इंटर कॉलेज बन गया। जैन समाज ने इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज के साथ ही दिगम्बर जैन पॉलिटेक्निक की भी स्थापना की। ये सभी संस्थायें वर्तमान में भी पूरे क्षेत्र में शिक्षा की जागृति उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। महलका जैन समाज ने भी अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए अपने यहां जैन इंटर कॉलेज की स्थापना की। कल मिलाकार कुन्दाजार सरधना (मेरठ) की जैन समाज ने अपने सामाजिक आचार्यनमिसागरजनण्टरकालजसरधना दायित्वों का निर्वाह करते हुए कई सामाजिक संस्थाओं की स्थापना की। 'जैन गजट' (साप्ताहिक पत्र) के पुराने अंकों को देखने से ज्ञात होता है कि सरधना में 1904 से ही जैन पाठशाला स्थापित हो चुकी थी। 1907 में इस पाठशाला में केवल सरघना स्थित जैन इंटर कॉलेज 42 विद्यार्थी पढ़ते थे। इस पाठशाला के मुख्य अध्यापक पं. मक्खनलाल जैन थे। वर्तमान में यह संस्था प्रगति करते हुए ‘आचार्य नेमिसागर जैन इण्टर कॉलेज' के नाम से प्रसिद्ध हो गई है। ___ जैन समाज सरधना ने 1930 में आचार्य नेमिसागर जैन धर्मार्थ औषधालय ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट में उस समय 10,000/- रुपये थे। इस ट्रस्ट ने सरधना में निःशुल्क औषधालय की स्थापना की, जिसके माध्यम से हजारों गरीब और जरूरतमंद मरीज लाभांवित हुए। मलालाजयन्ता पखावजना 28 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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