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________________ सक्रिय भागीदारी की। मुजफ्फरनगर में सुमतप्रसाद जैन, उग्रसेन जैन के नेतृत्व में स्थानीय काली नदी पर नमक बनाया गया। मुजफ्फरनगर के सत्याग्रह आश्रम को कुँजा का आश्रम कहकर पुकारा जाता था। मु.नगर के आसपास के ग्रामीण इलाकों-शामली, चरथावल, कैराना, खतौली आदि स्थानों से कई जैन स्वयंसेवक इस आन्दोलन में भाग लेकर जेल गये। ____ मेरठ जनपद में भी बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग इस आन्दोलन में शामिल हुए। मेरठ के सुन्दरलाल जैन ने अपने साथियों के साथ हिण्डन तट (वर्तमान गाजियाबाद) पर पहुँचकर नमक बनाया। मेरठ में 'लाल पोस्टर केस' में सुन्दरलाल जैन मुख्य अभियुक्त थे। अतरसैन जैन, रघुवीर सिंह जैन, गिरिलाल जैन आदि ने भी जेल यात्राएँ की। तत्कालीन मेरठ जनपद के बड़ौत, खेकड़ा, छपरौली, अमीनगर सराय के जैन समाज ने भी इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। सिसाना (बागपत) के क्रांतिकारी विमल प्रसाद जैन ने 8 अप्रैल 1929 को केन्द्रीय असेम्बली में हुए बम विस्फोट की महत्वपूर्ण घटना की तैयारी में अनथक परिश्रम किया। दिल्ली षड़यंत्र केस के मुख्य अभियुक्त विमल प्रसाद जैन इस केस में 3 वर्ष केन्द्रीय कारागार दिल्ली, पुरानी जेल दिल्ली, मुलतान आदि कारागारों में रखे गए। उनके भाई धनकुमार जैन तथा जुगमन्दरदास जैन ने भी देश सेवा में भाग लिया और जेल यात्राएँ की। आगरा में सेठ अचलसिंह के नेतृत्व में जैन समाज ने बड़ी संख्या में इस आन्दोलन में भाग लिया। सेठजी इस आन्दोलन के दौरान स्थानीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। महेन्द्र जैन एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अंगूरी देवी के साथ ही काफी संख्या में जैन स्वयंसेवकों ने इस दौरान जेल की यात्राएँ की। सहारनपुर में अजितप्रसाद जैन के नेतृत्व में नमक कानून तोड़ने में जनता ने भाग लिया। पूरे जिले में अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध जनता की भावनायें भड़क उठी। झुम्मनलाल जैन के पुत्र हंस कुमार जैन ने इस आन्दोलन में सक्रिय होकर रुड़की छावनी में सिपाहियों को भड़काने हेतु इश्तहार बाँटे। इससे सम्पूर्ण छावनी में कोहराम मच गया। श्री जैन को गिरफ्तार करके 4 साल की सख्त कैद की सजा दी गयी। सहारनपुर के अन्य इलाकों रामपुर मनिहारन, देवबन्द, सरसावा आदि में भी जैन समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर आन्दोलन में भाग लिया। बिजनौर में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से नमक आन्दोलन के प्रथम अधिनायक रतनलाल जैन के नेतृत्व में नमक बनाया गया। नेमिशरण जैन ने सपरिवार इस आन्दोलन में भाग लेकर जेल की यात्राएँ की। बिजनौर के अन्य इलाकों-नजीबाबाद, धामपुर, नहटौर आदि में रहनेवाले जैनी, इस आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने के कारण जेलों में भेज दिये गये। निष्कर्ष :: 213
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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