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________________ अत्यंत सर्तकता के साथ सम्पन्न की जाती थी। 'सिंहनाद' छापने के स्थान परिवर्तित होते रहते थे। पुलिस आकाश-पाताल एक करके भी इसे पकड़ने में असमर्थ रही। नेमीचंद जैन, आगरा के क्रांतिकारी दल के मुख्य स्तम्भों में गिने जाते थे। नये नौजवानों को परखकर कार्य कराने की अद्वितीय क्षमता श्री जैन में समाहित थी। उस समय क्रांतिकारियों ने आगरा स्थित 'नारायण भवन' को अपना केन्द्रस्थल बना रखा था। श्री जैन वहाँ की समस्त व्यवस्थाओं को सम्भालते थे। नेमीचंद जैन प्रसिद्ध 'आगरा षड्यंत्र केस' के मुख्य अभियुक्तों में से एक थे। उ.प्र. सूचना विभाग के अनुसार श्री जैन पर यह मुकदमा लगभग 2 वर्ष तक चला, परन्तु सरकार पर प्रमाणिक सबूत न होने के कारण वे बरी कर दिये गये। बरी होने के बाद श्री जैन को भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान 7 दिसम्बर 1942 को धारा 26/129 के अंतर्गत फिर गिरफ्तार कर लिया गया और 25 सितम्बर 1944 तक वे जेल में रहे। श्री जैन आगरा के केन्द्रीय कारागृह के अलावा फतेहगढ़ जेल में भी रखे गये। उनके सहयोगी मानिकचंद जैन पर सरकार ने आरोप लगाया कि वे 'आजाद हिन्दुस्तान' के प्रकाशन में सहयोग देते हैं। उन्हें 8 मार्च, 1943 से 9 नवम्बर 1943 तक नजरबंद रखा गया। गोर्धनदास जैन ने 'आजाद हिन्दुस्तान' का प्रकाशन और सम्पादन का कार्य सम्भाल रखा था। अतः पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके 1 साल तक नजरबंद कर दिया। उन पर सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि वे गुप्तरीति से आन्दोलन का संचालन करते हैं। प्रतापचंद जैन ने बाबू कपूरचंद जैन व नेमीचंद जैन का हर आन्दोलन में साथ दिया। संदेह के आधार पर पुलिस ने कई बार उन्हें परेशान किया। गोविन्दराम जैन को भी नेमीचन्द जैन का सहयोगी होने के कारण सरकार की नाराजगी सहन करनी पड़ी। 'जैन संदेश' के अनुसार पुलिस उनके घर से छापा मशीन का एक पुर्जा ले आयी और इसी आधार पर उन्हें 2 महीने नजरबंद कर दिया गया। मोतीलाल जैन को ‘आजाद हिन्दुस्तान' के पर्चे बांटने के कारण 6 महीने की सजा हुई।69 आगरा के जैन देशभक्तों ने भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान कांग्रेस संगठन को मजबूत करने एवं जेल जाने वाले कार्यकर्ताओं के परिवारों की सहायता करने में भी अहम् भूमिका निभाई। नत्थीलाल जैन ने अपनी मित्र मंडली के साथ देशसेवा में भाग लिया। उनकी मंडली में हुकुमचन्द जैन, दरबारीलाल जैन, फूलचंद जैन बजाज, किरोड़ीमल जैन, शीतलप्रसाद जैन, श्यामलाल जैन 'बारौलिया', आदि कार्यकर्ता थे। आगरा निवासी फूलचन्द जैन (बरवासिया) ने इस आन्दोलन में 'आजाद हिन्दुस्तान' समाचार पत्र बाँटने का कार्य कर आन्दोलन की सूचनाओं को एक स्थान 134 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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