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________________ से संबन्धित सिद्ध करने के लिए कोई सबल प्रमाण उपस्थित करे तो उस पर विचार किया जा सकता है । विजय दशमी की सत्यता तुलसी रामायण (रामचरित मानम) के किष्किन्धा नामक कांड की एक चौपाई हमारे ऊपर के अभिमत की पूर्णतया पुष्ट करती है। वह चौपाई निम्नोक्त है वर्षा गत निर्मल ऋतु आई । सुधि न तात ! सीता की पाई ॥ इस चौपाई में राम लक्ष्मण से कहते हैं कि हे भ्रात ! वर्षा ऋतु व्यतीत हो गई है, सावन और भाद्रपद का मास समाप्त हो गया है तथा निर्मल अर्थात् शरद ऋतु चालू हो गई है परन्तु अभी तक सीता का कोई समाचार नहीं मिला, उसका कोई पता नहीं लग रहा । सीता कहां है ? और उसे कौन चुरा कर ले गया है ? आदि बातों की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। शरद ऋतु में आश्विन और कार्तिक ये दो मास आते हैं। भगवान राम लक्ष्मण से कह रहे है कि लक्ष्मण ! आश्विन मास भी आरम्भ हो गया है किन्तु अभी तक सीता का कोई पता नहीं चला। इस संदर्भ से यह तो नितान्त स्पष्ट हो जाता है कि आश्विन मास के प्रारम्भ तक सीता अज्ञात अवस्था में ही रही। उसका कोई पता नहीं लग सका। आजकल आश्विन के २५ वें दिन विजय--दशमी पर्व मनाया जाता है । यह कहां तक सत्य है ? जरा गंभीरता से विचार
SR No.022854
Book TitleDipmala Aur Bhagwan Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni
PublisherJain Shastramala Karyalay
Publication Year
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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