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________________ - वीर-स्तुति - [ आरती] | ध्वनि-जय जगदीश हरे !...... * जय महावीर प्रभो !, स्वामी जय महावीर प्रभो ! * जगनायक सुखदायक,अति गम्भीर प्रभो !ॐ जय * कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाए । ___ पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए, ॐ जय..... दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी। जगहित संयम धारा, प्रभु पर-उपकारी,ॐ जय... पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया। ___ दयाधर्म का झण्डा, जग में लहराया,ॐ जय.. अर्जुनमाली गौतम, श्री चन्दनबाला । पार जगत से बेड़ा, इन का कर डाला,ॐ जय..... पावन नाम तुम्हारा, जगतारणहारा निशदिन जानर ध्यावे, कष्ट मिटे सारा,ॐ जय... करुणासागर ! तेरी, महिमा है न्यारी ।। - ज्ञानमुनी गुण गावे, चरणन बलिहारी, ॐ जय.. BHAMARHIXXXNXE
SR No.022854
Book TitleDipmala Aur Bhagwan Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni
PublisherJain Shastramala Karyalay
Publication Year
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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