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________________ 50 श्रमण-संस्कृति तथा कान्फ्यूशियस, यूनान में पारमेनीदास (Parmenides) तथा एम्पीडौकलास (Empedoclaes), ईरान में जरथुस्त्र (Zarthustra) और भारत में महावीर एवं बुद्ध इस युग में हुए। इस युग में कई विख्यात गुरु हुए, जिन्होंने परंपरागत धर्मों में अनेक सुधार किये तथा अनेक नयी बातों का विकास किया। बौद्ध तथा जैन धर्म का उदय भारत की धार्मिक क्रान्ति की कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। सदियों से जनमानस उद्वेलित हो रहा था। वैदिक धर्म के यज्ञादि कर्मकाण्ड जटिल हो गये थे तथा आत्म-कल्याण की भावना कम, किन्तु आडम्बर अधिक बढ़ गया था। ठीक इसी समय भगवान बुद्ध तथा महावीर का प्रादुर्भाव हुआ। जिन्होंने सुधारात्मक आन्दोलन के रूप में बौद्ध तथा जैन धर्म को जन्म दिया। वास्तव में यह आन्दोलन तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था की प्रामाणिकता, धार्मिक क्रियाविधियों, पुरोहितों की अपरिमित शक्ति और सुविधाओं तथा मरणासन्न संस्कृति के प्राणाघात भार के विरुद्ध था। इस प्रकार छठी सदी ई० पू० नये विचारों के उदय का युग था, जिसने नये दार्शनिक एवं धार्मिक सम्प्रदायों को जन्म दिया। इस प्रकार क्रान्तिकारी स्वरूप वाले धर्म को भारत ने न तो इसके पूर्व देखा और न अब तक देख सका। भगवान गौतम बुद्ध और महावीर के नेतृत्व में प्राचीन भारत के इन धार्मिक सुधारों ने जनता के हृदय और दैनिक जीवन को बड़ा प्रभावित किया, लोगों ने अपने प्राचीन धार्मिक विश्वासों को छोड़कर किसी नये धर्म की दीक्षा ले ली हो, यह नहीं हुआ। पहले धर्म का नेतृत्व ब्राह्मणों के हाथ में था जो कर्मकाण्ड, विधि-विधान और विविध अनुष्ठानों द्वारा जनता को धर्म-मार्ग का प्रदर्शन करते थे। सर्वसाधारण गृहस्थ जनता, सांसारिक धंधों में संलग्न थी वह कृषि, शिल्प, व्यापार आदि द्वारा धन उपार्जन करती थी और ब्राह्मणों द्वारा बताये धर्म-मार्ग पर चलकर इहलोक परलोक में सुख प्राप्त करने का प्रयत्न करती थी। आचारांग सूत्र में कहा गया है कि साधना मार्ग का उपदेश सभी के लिए समान है जो उपदेश एक धनवान या उच्चकुल के व्यक्ति के लिए है वही उपदेश गरीब या निम्नकुलोत्पन्न व्यक्ति के लिए है। जैनाचार्यों का कहना है कि सभी मनुष्य योनि से ही उत्पन्न होते हैं। इस बात को निराधार बताया कि वर्ण
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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