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________________ (xxvi) 271 276 283 289 295 40. बौद्ध संघ में भिक्षुणियों की स्थिति एवं भिक्षुणी संघ का विकास 264 - राघवेन्द्र प्रताप सिंह 41. भारतीय संस्कृति पर बौद्ध एवं जैन परम्परा का प्रभाव -निर्मला शुक्ला 42. भारतीय संस्कृति पर बौद्ध परंपरा का प्रभाव - ब्रह्मानन्द सिंह 43. जसवल से प्राप्त नवीन सूर्य प्रतिमाएं - ज्ञान प्रकाश राय, अविनाश पति त्रिपाठी 44. भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान-सत्यनाम 45. बुद्धकाल में भारत की राजनीतिक तथा सामाजिक व्यवस्था -प्रवीण कुमार मिश्र 46. कबीर का कालबोध और बौद्ध शून्यवाद-अमरनाथ पाण्डेय 307 47. बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता (भारतीय संस्कृति के प्ररिप्रेक्ष्य में) 311 -इन्दुधर मिश्र जैन एवं बौद्ध परम्परा में अहिंसा-काली शंकर तिवारी 49. कलचुरि काल में बौद्ध धर्म-आशीष कुमार सिंह 50. जैन परम्परा में श्रमण-चिन्तनधारा का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव-रत्ना सिंह 51. श्रमण धर्म दर्शन की अहिंसा का परवर्ती प्रभाव - एच० एन० सिंह, अरविन्द कुमार 52. अहिंसा का सिद्धान्त और उसकी वर्तमान प्रासंगिकता -राजेश कुमार शर्मा 53. अशोक के अभिलेखों की भाषा पर बौद्ध धर्म का प्रभाव -सरिता कुमारी 54. जैन धर्म में अहिंसा सिद्धान्त एवं उसकी प्रासंगिकता - ममता पाण्डेय 55. बौद्ध वास्तु-कला पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव -चन्द्र कला राय 48. 316 319 324 328 331 338 343 347
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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