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________________ 8 बौद्ध परम्परा में सारनाथ के स्तूप का निम्न भाग सुन्दर खुदे प्रस्तरों से आच्छादित है तथा ऊपरी भाग ईंट का है।" यह 36' x 9" आकार के ऊपर लोके की कील से जड़े हुए पत्थरों से बना है जिसमें 8 बड़े ताखे बनाये गये हैं, इन ताखों में बुद्ध की मूर्तियां स्थापित थीं, जो वर्तमान में सारनाथस के संग्रहालय में रखी हैं।" उत्तर भारत में अनेक स्थलों से प्राप्त मनौती स्तूपों का निर्माण बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद बौद्ध धर्मानुयायियों ने आरम्भ किया। सारनाथ के साथ-साथ मथुरा में भी यह स्तूप मिले हैं। ओरटल ने इन स्तूपों का विवरण दिया है, जिसमें इन सभी स्तूपों का परिमाण दिया गया है। मनौती स्तूप के खण्डित भाग सारनाथ में वर्तमान है जिनकी ऊंचाई भिन्न-भिन्न रूप में है इन स्तूपों में से कुछ पर नवीं से बारहवीं शताब्दी तक के लेख अंकित हैं जो बौद्ध सम्प्रदाय के हैं। संभवतः इनका निर्माण अशोक के बाद किसी समय छोटे आकार के अनेक मनौती स्तूप बनाये गये। इन स्तूपों में बुद्ध की सभी प्रमुख मुद्राओं की मूर्तियां मिलती हैं। ह्वेनसांग ने ऐसे स्तूपों का विवरण दिया है। सारनाथ में धामेख स्तूप के पास कुछ छोटे स्तूप वर्तमान में भी मिलते हैं, जिनमें प्राप्त बुद्ध की मूर्तियों की मुद्राओं में सम्बोधि, धर्मचक्र परिवर्तन, भूमि स्पर्श एवं व्याख्यान मुद्रायें उपलब्ध हैं। इस प्रकार के स्तूपों का निम्न भाग वर्तालुकार गुम्बद तक बना है। इसी प्रकार के स्तूप मथुरा में भी प्राप्त हैं। इसमें भी सारनाथ की भांति मूर्तियां अभयमुद्रा में बनी हैं तथा स्तुप में ताखें भी बने हैं जिनमें बुद्ध की मूर्तियां रखी जाती होंगी। सारनाथ प्रांगण भूमि के दोनों ओर अनेक प्रकार के स्तूप बने हैं। इसके पूर्व भाग में दो पंक्तियों में निर्मित 32 छोटे स्तूपों के अवशेष हैं। संभवतः ये सभी संकल्पित स्तूप हैं। प्रधान मन्दिर के दक्षिण, पश्चिम और उत्तर में बहुसख्यक स्तूप हैं, कुछ स्मारक के रूप में अस्थि निधान बने हैं और प्रधान मन्दिर के निकट स्तूपों का जाल बिछा है। चुनाव के पत्थरों से निर्मित इसी प्रकार का लघु स्तूप सारनाथ संग्रहालय में सुरक्षित है। इस पर धर्मचक्रम मुद्रा में सिंहासन से पैर लटकाये बुद्ध प्रतिष्ठित है तथा पीछे प्रभामण्डल पूर्व की भांति है और पारदर्शिक वस्त्र बुद्ध के अंग में विद्यमान है। मूर्ति के आयताकार पीठ के ऊपर अण्ड हर्मिका है। यह स्तूप कमल पुष्प के ऊपर प्रदर्शित है।
SR No.022848
Book TitleAacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjaykumar Pandey
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2010
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size36 MB
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