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________________ जनेरे लाल, जमामी नली नातरे ॥ शा॥ प्रारथना एहवी करीरे लाल, जयसेना| करो घातरे ॥ शा सा ॥ ७॥ में वेताली श्राराधीनेरे लाल, मूकी मारण तासरे ॥ शा॥ कोण मारे पुण्यवंतनेरे लाल, सुंदरी मारी पापराशरे॥ शा० सा॥॥ एहवे । शासनदेवतारे लाल, श्रावी नाखे साखरे ॥ शा० ॥ वचन मख्यां बेउ सारिखारे लाल, वलतुं राजा नाखरे ॥शा सा ॥ १० ॥ बंधूसरी देश बाहरेरे लाल, काढो करे | हुकमरे ॥ शा० ॥ श्राज पठी कोइ एहवारे लाल, न करे अशुन कामरे ॥ शाण सा| I॥ ११॥ रिषनसेननी नारीनेरे लाल, महोच्छव करे महाराजरे ॥शा० ॥ निज मं-1 कदिर पोहोती करीरे लाल, सिध्यां वंबित काजरे ॥शा सा०॥ १२॥ सोवन वृष्टि करी| तिहारे लाल, महिमा कीधो देवरे ॥ शा॥ साचो धरम संसारमारे लाल, सह क-IM रजो नित्यमेवरे ॥ शा० सा० ॥ १३ ॥ राजा समकित पामीरे लाल, धरम तणां सफल देखरे ॥ शाण ॥ हुँ धरमे निश्चल थरे लाल, ते देखी सुविशेषरे ॥ शा० सा० |॥ १४ ॥ शेठ सहित बनामनीरे लाल, कहे साचु कडं एहरे ॥ शा० ॥ लता कहे लामानुं नहींरे लाल, जाख्यु कूड़ें तेहरे ॥ शा सा ॥ १५॥ श्रेणिकादिक चिंतवेरे लाल, जुर्ड हठीली नाररे ॥ शा० ॥ सातमो खंग पूरो थयोरे लाख, नेमविजय सुख
SR No.022846
Book TitleDharm Parikshano Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1913
Total Pages342
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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