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________________ अपने बच्चों की रक्षा करती है । और अपनी इज्जत बचाती है । यह वारता मानसिक है, और शारीरिक बल से इसका कोई सम्ब. न्ध नहीं है। बौद्धिक क्षत्र में स्त्री का दरजा पुरुष से नीचा है यह जाँच व अनुभव से सिद्ध है कि कुछ काम स्त्रियाँ अच्छा कर सकती है जब कि कुछ काम पुरुष अच्छा कर सकते हैं। स्त्री का मन पुरुष की अपेक्षा भिन्न प्रकार का है हेतु यही है कि उनको माता पने का भारी काम करना पड़ता है । वे शान्ति से सहन कर सकती हैं, बलि कर सकती है जिन बातों की पुरुष में अयोग्यता है । माता के समान कोमल मन रखने वाली स्त्री पुरुष के व्यवसायों में बराबरी नही कर सकती हैं। (प्रोः कृष्ण प्रसन्न भूरूखा, संगविक साहब वगैरह) स्त्रियों को शान्ति स्थापना की बहुत आवश्यकता विदित होती है । ... स्त्रियाँ जिस प्रकार घर का प्रबन्ध बड़ी विज्ञता और अच्छाई के साथ कर लती हैं वे उसी भाँति जगत में शाम्ति को भी स्थापित कर सकती हैं । शान्ति स्थापक मंडली में बड़ी २ स्त्रियां मेंम्बर हैं। लंडन की मिस न्हाईट ने एक पुस्तक लिखी है (Wanen in warld Histary ) इसमें दुनियाँ की स्त्रियों ने क्या २ वीरता पूर्ण काम किये हैं, उनका कथन है । __ ( मोडर्न रिन्यु पृ० ७९ केदारनाथ गुरु का लेख) दिगम्बर ब्रह्मचारी श्रीयुत शीतलप्रसादजी ने मोडरिव्यु के उक्त लेख का सार दिया है और लिखा है "इस लख का सार यह है कि स्त्रियों का शरीर, मन व उनकी बुद्धि औसत दरजे पुरुष के बराबर नहीं है इसलिये उनको कोमल
SR No.022844
Book TitleShwetambar Digambar Part 01 And 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherMafatlal Manekchand
Publication Year1943
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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