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________________ मारवाड़ की जल संस्कृति / 391 अन्त में मैं इस लेख की सामग्री तैयार करने में श्री रामनिवासजी शर्मा का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने चौपासनी से महत्त्वपूर्ण गजों को उपलब्ध करवाने में मदद की। इसी प्रकार श्री वाई. डी. सिंहजी ने भी मुझे महत्त्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध करवाई। मैं प्रो. जहूरखां मेहर का भी हार्दिक आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने कायलाना के पानी के रिसाव के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण तथ्य मुझे उपलब्ध करवाये। संदर्भ : संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश वामन शिवराम आप्टे । राजस्थानी सबद कोश संपादक डॉ. सीतराम लालस (तृतीय खण्ड) वृहत् हिन्दी कोश- ज्ञान मण्डल लिमिटेड, बनारस । उमर काव्य कवि उमरादान लालस, छप्पने काल का वर्णन उमरादान ग्रंथावली, सं. डॉ. शक्तिदान कविया, राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें "राव जोधाजी" मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें "राव जोधाजी" मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें "राव गांगाजी " मारवाड़ रा परगना री विगत, भाग-1, (मुहता नैणसी की ख्यात) के परिशिष्ट । (क) में लिखा है " मण्डोर रा मारग में तळाब बालसमन्दर पेळी तरफ राव जोधाजी करायौ।" (पृष्ठ 560 ) उक्त विगत में लिखा है कि “बावड़ी हमार चैनपुरीजी रे अखाड़ा में है तिलका कराई" (पृ. 560 ) म.पं. की विगत भाग-1 मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें "राव जोधाजी" मारवाड़ रा परागनारी विगत, म.पं. की विगत भाग-1 (पृ. 561) 12 मारवाड़ रा परागनारी विगत, भाग-1 पृष्ठ. 580 मारवाड़ रा परगना री विगत, भाग-1 (परिशिष्ट 1 क ) पृष्ठ 564 के अनुसार “सूरसागर कनै बाग 84 सिरदारां खवास, पासवान, मुतसद्दीयां, सारा आप आपरां न्यारा कराया नै जमी राज सूं दिरीजी नै रजवाड़ा से कुवो महेल 84 वागां में है" 3 4 5 10 11 13 14 15 10 T 12 मारवाड़ रा परगना री विगत, भाग-1 पृष्ठ 567 झालरो । जाड़ेची चांदपोल बारे रांणी जाली जी महाराजा श्री अजीसिंहजी री रांणी करायो । झालरी | त्रिवाड़ी सुखदेव सिरीमाली संमत् 1776 में करायो, जाड़ेची झालरे रे पारखती है तिको। बावड़ी । भण्डारी रूगनाथ कराय ढाई, रामेश्वर मादेवजी रा मिंबर लारे ने रामेश्वरजी रे भेंट कीवी । बाग करायौ । पुसकरणौ बिरामण रिणछोड़ दास बेरो । महाराज अजीतसिंघजी री बार में दाऊजी रा मिंदर री पूठ में कराई संमत् 171 मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ- देखो अभयसिंजी मारवाड़ रा परगना री विगत, भाग-1, पृष्ठ 567-5681 19 30 20 21 मारवाड़ रा परगनारी विगत भाग-1 पृष्ठ 569-5701 मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ- देखें महाराजा विजयसिंहजी मारवाड़ का मूल इतिहास, श्री रामकरण आसोपा देखें महाराजा विजयसिंहजी मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें महाराजा मानसिंहजी मारवाड़ का इतिहास तथा संस्कृति की झलकियां, ले. डॉ. कुं. महेन्द्रसिंह नगर, पृष्ठ सं. 222-23 20 :+ मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें “सवाई राजा सूरज सिंहजी " मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें "राजा गजसिंहजी " 28 राजस्थान इतिहास तथा संस्कृति की झलकियां, ले. डॉ. कुं. महेन्द्रसिंह नगर, पृष्ठ 224 मारवाड़ का इतिहास, पण्डित विश्वेश्वरनाथ रेऊ, देखें “महाराजा जसवन्तसिंहजी ( प्रथम ) " 29 मारवाड़ रा परगना री विगत, भाग-1, पृष्ठ 574 मारवाड़ का इतिहास. पं. रेऊ भाग-2 (देखें महाराजा तखतसिंह) मारवाद रा परगना री विगत, भाग-1, पृष्ठ 575 से 578 जोधपुर गवर्नमेन्ट गजट || नवम्बर 1939 पृष्ठ 222
SR No.022813
Book TitleJignasa Journal Of History Of Ideas And Culture Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVibha Upadhyaya and Others
PublisherUniversity of Rajasthan
Publication Year2011
Total Pages236
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size11 MB
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