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________________ 149॥ ||500 151 ||53|| कइया वि हसिजंतो जिंदिजंतोय मूढ बालेहिं सममित्त सत्तुचित्तो भमेन भिक्खं विसोतो कइया रवणवीसंतो धम्म ज्झयणे समुट्ठिओ गुणिउं रागदोस विमुक्को भुजे सुत्तोवएसेण कइया कयसुत्तत्थो संसारेगत भावणं काउं सुण्णहर मसाणेसुं धम्म ज्झाणम्मि ट्ठाइस्सं __कइया णु कमेण पुणो फासु पएसम्मि कंदरे गिरिणो आराहिय चउखंधो देहच्चायं करीहामि ॥52|| एय सत्तसार रहिओ चिंतेइ च्चिय मणोरहे णवरं एस जिओ महपावो पावारंभेसु उज्जमइ धण्णा हु बालमुणिणो बालत्तणयम्मि गहिय सामण्णा अणरसिय णिव्विसेसा जेहिं ण दिट्ठो पिय विओओ ॥54।। धण्णा हु बालमुणिणो अकयविवाहा अणाय मयणरसा अदिट्ठ दइय सोक्खा पव्वजं जे समल्लीणा ' धण्णा हु बालमुणिणो अणणिय पेम्मा अणाय विसय सुहा अवहत्थिय जियलोया पव्वलं जे समल्लीणा धण्णा हु बालमुणिणो उजुयसीला अणाय घर सोक्खा विणयम्मि वट्टमाणा जिणवयणं जे समल्लीणा ॥57॥ धण्णा हु बालमुणिणो कुडुंब भारेण जे य णोत्थइया जिणसासणम्मि लग्गा दुक्खसयावत्त संसारे धण्णा हु बालमुणिणो जाणं अंगम्मि णिव्वुडो कामो न वि णाओ पेम्मरसो सज्झाए वावड मणेहिं ॥59॥ धण्णा हु बालमुणिणो जाय च्चिय जे जिणे समल्लीणा ण य (या) णंति कुमइ मग्गे पडिकूल मोक्ख मग्गस्स ॥60॥ इय ते मुणिणो धण्णा पावारंभेसु जे ण वटुंति सूडेंति कम्म गहणं तव कड्डिय तिक्ख करवाला ||61।। 155॥ 156॥ ॥58॥ -280
SR No.022757
Book TitleNavpad Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmityashsuri
PublisherSohanlal Anandkumar Taleda
Publication Year2005
Total Pages654
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size38 MB
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