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________________ 157॥ 1581 1591 ॥60॥ 161॥ 162॥ ॥63|| इअ सिध्धाणं सुकखं अणोवमं नत्थि तस्स ओवम्म किंचिविसेसेणितो सारिक्खामिणं सुणह वुच्छं जह सव्व कामगुणिअं पुरिसों भोत्तूण भोअणं कोइ तण्हाछुआ विमुक्को अच्छिन जहा अमिअ तित्तो इअ सव्वकालतित्ता अउलं निव्वाणमुवगया सिद्धा सासयमव्वाबाहं चिदंति सही सुहं पत्ता सिद्धत्ति अ बुद्धत्ति अ पारगयत्ति अ परंपरगयत्ति उम्मुक्त कम्म कवया अजरा अमरा असंगाय निच्छित्र सव्वदुक्खा जाइजरा मरण बंध विमुक्का अव्वाबाहं सुक्खं अणुहुंती सासयं सिद्धा सिद्धाण नमोकारो जीवं मोएइ भवसहस्साओ भावेण कीरमाणो होइ पुणो बोहिलाभाए सिद्धाण नमुक्कारो धन्नाण भवक्खयं कुणंताणं हिअयं अणुम्मुयंतो विसुत्तियावारओ होइ सिद्धाण नमुक्कारो एवं खलु वण्णिओ महत्थु त्ति जो मरणम्मि उवग्गे अभिक्खणं कीरए बहुसो सिद्धाण नमुक्कारो सव्व पावप्पणासणो मंगलाणं च सव्वेसि बिइ होइ मंगलं आचार्य पद नाम ठवणा दविए भावम्मि चउव्विहो उ आयरिओ दव्वम्मि एगभविआई लोइए सिप्प सत्थाई । पंचविहं आयारं आयरमाणा तहा पभासंता आयार दंसंता आयरिया तेण वुचंत्ति आयारोनाणाई तस्सायरणा पभासणाओ वा जे ते भावायरिया भावायारोवउत्तोय आयरिय नमुक्कारो जीवं मोएइ भवसहस्साओ भावेण कीरमाणो होइ पुणो बोहि लाभाए आयरिय नमुक्कारो धन्नाण भवक्खयं कुणंताणं हिअयं अणुम्मयंतो विसुत्तियावारओ होइ ||64|| 165॥ |॥2॥ ||3|| ॥4॥ ॥5॥ -262
SR No.022757
Book TitleNavpad Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmityashsuri
PublisherSohanlal Anandkumar Taleda
Publication Year2005
Total Pages654
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size38 MB
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